क्रूड ऑयल के दाम से होगी बड़ी समस्या
एजेंल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट अनुज गुप्ता ने बताया कि जिस तरह से अमरीका ईरान के क्रूड ऑयल पर प्रतिबंध लगा रहा है उसका असर आने वाले दिनों में भारत पर भी पड़ेगा। अमरीका द्वारा दी गई छह महीने की मियाद मई में खत्म हो रही है। वहीं वेनेजुएला पर प्रतिबंध लगाकर कच्चे तेल के रास्ते बंद हो गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि ओपेक देश क्रूड ऑयल का प्रोडक्शन अपने ऑल टाइम लो पर लेकर आ गए हैं। चीन और अमरीका के बीच ट्रेड वॉर खत्म होने से कच्चे तेल की डिमांड भी बढ़ेगी। जिसकी वजह से इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल में इजाफा हो सकता है।
इतने रुपए पहुंच सकता है क्रूड ऑयल
मौजूदा समय में डब्ल्यूटीआई क्रूड ऑयल के दाम 58 डॉलर प्रति बैरल है। वहीं ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम 68 डॉलर प्रति बैरल है। जानकारों की मानें तो पिछले एक महीने में क्रूड ऑयल के दाम में 15 से 20 फीसदी का इजाफा हो चुका है। अगर इंटरनेशनल मार्केट में इसी तरह के आसार रहे तो ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम 75 से 77 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकते हैं। वहीं डब्ल्यूटीआई क्रूड ऑयल के दाम 65 से 67 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकते हैं। जिसका अगर देश के लोगों पर पड़ना तय है।
पेट्रोल और डीजल के दाम में होगा इजाफा
अगर क्रूड ऑयल के दाम में इतना इजाफा होता है तो देश में पेट्रोल और डीजल के दाम में जबरदस्त इजाफा देखने को मिलेगा। अनुज गुप्ता के अनुसार अप्रैल के आखिर और मई की शुरूआत में पेट्रोल के 85 रुपए से लेकर 90 रुपए प्रति लीटर पहुंच सकते हैं। वहीं डीजल के दाम भी 75 रुपए प्रति लीटर से 77 रुपए प्रति लीटर तक का इजाफा हो सकता है। चुनावों के समय में पेट्रोल और डीजल के दाम में बढ़ोतरी लोगों में आक्रोश पैदा का सकता है। ऐसे में सत्ताधारी पार्टी बीजेपी और खुद पीएम मोदी के लिए लोगों को समझाना काफी मुश्किल हो जाएगा कि आखिर पेट्रोल और डीजल के दाम कैसे और किस तरह से बढ़ रहे हैं।