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जब 141 डॉलर का था क्रूड ऑयल, तब 50 रुपए का था पेट्रोल, आज 64 डॉलर का है क्रूड ऑयल, तो पेट्रोल 74 रुपए का क्‍यों?

locationनई दिल्लीPublished: Apr 07, 2018 05:18:20 pm

Submitted by:

Saurabh Sharma

2008 से 2014 के बीच पांच साल ऐसे रहे जब इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल कीमत 100 डॉलर बैरल से अधिक रही।

Crude Oil

Crude Oil

नई दिल्‍ली। आपको जानकर ताज्‍जुब होगा कि 10 सालों में क्रूड ऑयल की कीमतें आधी से भी कम हो गई हैं। लेकिन देश में पेट्रोल और डीजल कीमतों में डेढ़ गुना वृद्धि हो गई है।
केंद्र और राज्‍य सरकार को सबसे ज्‍यादा कमाई पेट्रोल और डीजल की बिक्री से होती है। जिससे सरकार का खजाना भरता है और पब्लिक की जेब लगातार खाली होती है। जब पत्रिका ने पिछले दस सालों के कच्‍चे तेल यानी क्रूड ऑयल की कीमतों पर नजर डाली और पेट्रोल पंपों पर मिल रहे डीजल और पेट्रोल की कीमतों का अससेमेंट किया तो एक अजीब-सा जादू देखने को मिला।

क्रूड ऑयल की कीमतें हो गई आधी
आंकड़ों से समझने की कोशिश करते हैं कि दस साल में इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल की कीमतें कैसे आधी हो गईं? देश में सरकार चाहे कांग्रेस की हो या फिर बीजेपी की पेट्रोल की बढ़ती कीमतों का हवाला इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल को बताती हैं। आइए पहले आपको बताते हैं कि बीते दस सालों में क्रूड ऑयल की कीमत क्‍या हो गई? 2008 में क्रूड ऑयल की कीमत 141.38 डॉलर बैरल थी। करीब 6 सालों तक क्रूड ऑयल की कीमतों में इजाफा ही रहा। या यूं कहें कि 2008 से 2014 के बीच पांच साल ऐसे रहे जब इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल कीमत 100 डॉलर बैरल से अधिक रही। सिर्फ 2009 में और 2010 दो ऐसे साल रहे जब क्रूड ऑयल मार्केट में 100 डॉलर बैरल कम में मिला। लेकिन कीमत 70 डॉलर बैरल अधिक ही रही। उसके बाद 2015 से लेकर 2018 में अब तक पेट्रोल के दाम आधे से भी कम हो चुके हैं। मौजूदा समय में क्रूड ऑयल की कीमत 66.14 डॉलर बैरल हो गई है।

पिछले 10 सालों में क्रूड ऑयल की अधिक कीमत

सालक्रूड ऑयल की कीमत (डॉलर में)
2008141.38
2009077.19
2010087.77
2011111.72
2012109.39
2013107.38
2014106.95
2015059.64
2016051.79
2017058.95
2018066.14

डेढ़ गुना हुए पेट्रोल के दाम
हमने आपका पिछले दस सालों के क्रूड ऑयल से परिचय करा दिया है। सरकार देश की जनता हो लॉजिक देती है कि इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल की कीमतें बढ़ती है तो पेट्रोल डीजल की कीमतों में बढ़ोत्‍तरी होना लाजिमी है। लेकिन यहां इसके कुछ उलट हुआ है। क्‍योंकि बीते दस सालों में जहां क्रूड ऑयल की कीमतों में आधे से ज्‍यादा की कटौती हुई है, वहीं दूसरी ओर पेट्रोल के दाम डेढ़ गुना और डीजल के दाम दोगुना हो चुके हैं। यही नहीं है तो नीचे दी गई टेबल से आप साफ समझ जाएंगे।

पिछले 10 सालों में इस तरह रहीं पेट्रोल-डीजल की कीमतें

सालक्रूड ऑयल की कीमत (डॉलर में)पेट्रोल की कीमत (रुपए में)डीजल की कीमत (रुपए में)
2008141.3850.6234.86
2009077.1944.7232.87
2010087.7755.8737.75
2011111.7266.8441.12
2012109.3973.1847.15
2013107.3876.0653.78
2014106.9573.6058.97
2015059.6466.9352.28
2016051.7968.9456.68
2017058.9571.1459.02
2018066.1474.0064.88

यह कैसा रिवर्स गियर?
ऊपर दिए आंकड़ों में आपको साफ दिख गया होगा कि पेट्रोल की कीमतों को लेकर सरकार का रिवर्स गियर अजीब है। आज क्रूड ऑयल की कीमतें कम हैं तो पेट्रोल और डीजल के दामों में बेतहाशा बढ़ोत्‍तरी क्‍यों? चलिए जरा इस गणित को समझते हैं। सरकार जो हमें पेट्रोल मुहैया करा रही है उसमें केंद्र का टैक्‍स 19.48 रुपए और राज्‍य का 15.02 रुपए है। यानी पेट्रोल पर हम सभी 35.02 रुपए टैक्‍स दे रहे हैं। बात डीजल की करें तो सरकार पब्लिक से 24.77 रुपए टैक्‍स ले रही है। जिसकी वजह से क्रूड ऑयल की कीमतें कम होने के बाद पब्लिक को मंहगा पेट्रोल डीजल खरीदना पड़ रहा है।

वर्ना होता 125 रुपए लीटर पेट्रोल
अब जरा सोचिए अगर 2008 के क्रूड ऑयल की कीमत 141 डॉलर प्रति बैरल 2018 तक रहती तो आज की डेट में पेट्रोल की कीमतें 100 रुपए से 125 रुपए लीटर होतीं। यह बात हम नहीं बल्कि एक्‍सपर्ट कह रहे हैं। जब इस बारे में ऑल इंडिया पेट्रोल पंप एसोसिएशन के प्रेसीडेंट अजय बंसल से बात की गई तो उन्‍होंने कहा कि 2008 में मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमतों के बावजूद सस्‍ता पेट्रोल डीजल मुहैया करा रही थी। उस वक्‍त की सरकार घाटा झेल रही थी ताकि लोगों को सस्‍ता पेट्रोल डीजल मिले। लेकिन मौजूदा सरकार पेट्रोल डीजल पर घाटा उठाने को तैयार नहीं है। जिस वजह से पेट्रोल डीजल के रेट हाई हैं। उन्‍होंने आगे कहा कि अगर मौजूदा समय में 141 डॉलर बैरल होता तो पेट्रोल की कीमत 100 रुपए से ऊपर हो गई होती।

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