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कारोबार

नकली जीएसटी बिल का ऐसे करें पहचान

कुछ दुकानदार GSTIN के जगह अपने बिल पर VAT/TIN और सेंट्रल सेल्स टैक्स नंबर्स दिखा रहे और इसके बाद भी वो CGST और SGST चार्ज कर रहे हैं।

नई दिल्लीSep 22, 2017 / 04:19 pm

manish ranjan

GST

नई दिल्ली। देशभर में जीएसटी लागू होने के बाद से ही कारोबारियों और लोगों के बीच यह एक अबूझ पहेली बन गया है। इसके साथ ही अब जीएसटी सिस्टम के तहत जनरेट होने वाले बिल में धांधली होनी भी शुरू हो चुकी है। ऐसे कई मामले सामने आ चुके है जिनमे जीएसटी के नाम पर ग्राहकों को नकली बिल दे दिया जा रहा है। कई मामलों मे ये भी बात सामने आया है कि कुछ दुकानदार GSTIN के जगह अपने बिल पर VAT/TIN और सेंट्रल सेल्स टैक्स नंबर्स दिखा रहे और इसके बाद भी वो CGST और SGST चार्ज कर रहे हैं। किसी भी बिजनेस में ग्राहकों को दिए गए बिल पर GSTIN दिखाना अनिवार्य है। हम आपको ऐसे ही कुछ तरीके बता रहे हैं जिससे की आप नकली जीएसटी बिल की पहचान कर सकें और ऐसे नक्कालों के चंगुल मे फंसने से बच सकें।


आपको बता दें की सभी दुकानों को अभी जरूरी नहीं है कि वो जीएसटी के लिए रजिस्टर्ड हो और GSTIN नंबर प्राप्त करें। लेकिन जिस भी बिल में जीएसटी लगेगा उसके लिए उन्हे CGST और SGST के नाम से दो भागों में बांटकर दिखाना होगा। वो छोटे बिजनेस जिनका सलाना टर्नओवर 20 लाख रुपए से कम है तो उन्हे जीएसटी के लिए रजिस्टर्ड नहीं करना होगा। असम, अरूणांचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, हिमांचल प्रदेश, उत्तराखंड, मनीपुर, मिजोरम, सिक्किम, मेघालय, नागालैंड और त्रिपुरा में जीएसटी रजिस्ट्रेशन के लिए सीमा 10 लाख है।


ऐसे भी मामले आए जिसमें जीएसटी बिल पर तो CGST और SGST लगाया गया है पर उनमें कोई भी GSTIN नंबर के बारे में जानकारी नहीं दी गई हैं। इन मामलों में उनका दलील ये है कि उन्होने जीएसटी के लिए अप्लाई किया है और वो ये प्रक्रिया पूरा होने के बाद सरकार को जीएसटी से जुुटाया रकम जमा कर देंगे। लेकिन ऐसा करना गलत है और क्योंकि GSTIN के बिना किसी भी बिल पर जीएसटी नहीं लगाया जा सकता हैं।


आगे हम आपको बताने जा रहे है कि आप एक ग्राहक के तौर पर कैसे नकली जीएसटी नंबर का पहचान कर सकते हैं। किसी भी बिल पर यदि आपको संदेह होता है जो आप उसे संभाल कर रखें और नीचे दिए गए स्टेप्स पर आप इसे वेरिफाई कर सकते हैंं।

1. सबसे पहले आप जीएसटी के आधिकारिक वेबसाइट पर लॉग इन करें। https://www.gst.gov.in/

2. वेबसाइट पर लॉग इन के बाद से आप सर्च टैक्सपेयर के लिंक पर क्लिक करेंगे तो ड्रॉपडाउन मेन्यू में सर्च GSTIN/UIN पर क्लिक करें
3. यदि GSTIN नंबर गलत होने पर इनवैलिड GSTIN लिखा दिखाई देेगा। ये नंबर ही होने पर आपको उस बिजनेस से जुड़ी जानकारी दिखने लगेगी।


एक्टिव है या पेंडिंग
यदि आपको एक्टिव पेंडिंग वेरिफिकेशन दिखाई दे रहा है तो आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। वो बिजनेस के लिए प्रोविजनल आईडी होगा। इसका मतलब ये है कि उन्होने GSTIN के लिए अप्लाई किया हुआ है।

 

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