फूड कंपनियां भी होंगी जवाबदेह
FSSAI के एक अधिकारी ने कहा कि, पैकेजिंग के अब अलग से नियम तय किए जाऐंगे, इसके लिए जल्द ही एक ड्रॉफ्ट तैयार किया जा रहा है। इससे फूड कंपनियों को पहले से अधिक जवाबदेह बनाया जाएगा। मौजदूा प्रावधानों के अनुसार, ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स की ओर से पैकेजिंग की तूलना में लेबलिंग पर अधिक ध्यान दिया जाता है। लेकिन अब FSSAI इन फूड आइटम्स और ड्रिंक्स के पैकेजिंग के लिए अपना बेंचमार्क तय करेगा। ऐसा इसलिए किया जाएगा ताकि फूड आइटम्स की पैकेजिंग और सूरक्षा पर निगरानी रखा जा सके।
फूड आइटम्स की बर्बादी पर रोक का होगा प्रावधान
FSSAI का यह भी मानना है कि नए नियम के आने के बाद खाद्य पदार्थों की होने वाली बर्बादी पर भी निगरानी रखा जा सकेगा। अभी मौजूदा नियमों के अनुसार, खाद्य पदार्थों के लिए अल्यूमिनियम, ब्रास, कॉपर, प्लास्टिक और टिन के ही प्रयोग किया जाना चाहिए। इसके साथ गुणवत्ता को देखते हुए ब्यूरो ऑफ स्टैंडर्ड से भी मंजूरी लेनी होती है। एक हालिया अनुमान मे ये बात सामने आया है कि, वर्ष 2020 तक भारतीय फूड मार्केट लगभग 18 बिलियन डॉलर तक हो सकता है। वर्ष 2016 में यह मार्केट 12 अरब डॉलर का है।
FSSAI ने तय किया था 12 हजार मानक
मैगी में खतरनाक पदार्थ मिलने की बात के बाद FSSAI ने खाद्य पदार्थों की मंजूरी के लिए 12 हजार मानकों को तया किया था। ये मानक वैश्विक सुरक्षा मानक काडेक्स के अनुरूप रखा गया था। इसके पहले खाद्य पदार्थों के लिए 375 मानक तय किया गया था। मैगी विवाद के बाद गुणवत्त को लेकर FSSAI का यह पहला बड़ा कदम था।