निवेशकों का उठा भरोसा
आपको बता दें कि जनवरी महीने में ऋणपत्रों और शेयरों दोनों में एफपीआई ने 5,360 करोड़ रुपए की शुद्ध निकासी की थी। आंकड़ों के अनुसार एक से 22 फरवरी के बीच एफपीआई ने ऋणपत्रों से कुल 1,949 करोड़ रुपए निकाले थे। हालांकि, उन्होंने शेयर बाजार में ज्यादा निवेश किया। इस तरह वे ऋणपत्रों तथा शेयरों में महज 98 करोड़ रुपए के शुद्ध लिवाल रहे।
विशेषज्ञों ने दी जानकारी
मॉर्निंगस्टार इंवेस्टमेंट एडवाइजर इंडिया के वरिष्ठ विश्लेषक प्रबंधक (शोध) हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि एफपीआई की हालिया बिकवाली का कारण पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने को माना जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘एफपीआई लंबे समय से भारत को लेकर सतर्कता बरत रहे हैं। ऐसे में हालिया घटनाओं से उनकी धारणा और प्रभावित हुई होगी।’’
निवेशकों ने की जल्दबाजी
इसके साथ ही श्रीवास्तव ने कहा कि अभी एफपीआई निवेश की दिशा का अनुमान लगाना जल्दीबाजी है क्योंकि वे अल्पकालिक गतिविधियों तथा घटना विशेष से प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीमापार तनाव के अलावा आगामी आम चुनाव के परिणामों के अनुमान को लेकर भी एफपीआई सतर्कता बरत रहे हैं।
(ये कॉपी भाषा से ली गई है।)
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