अक्टूबर में घटाई थी एक्साइज ड्यूटी
लगभग दो महीने पहले क्रुड ऑयल 86.74 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर था और तेल की कीमत 85 डॉलर प्रति बैरल के आस-पास थी। तब सरकार का मानना था कि कीमतों में यह बढ़ोतरी कुछ समय के लिए ही है, लेकिन जनता की परेशानियों को देखते हुए सरकार ने 4 अक्टूबर को तेल पर एक्साइज ड्यूटी 1 रुपए प्रति लीटर घटा दी थी।
जनता को पड़ेगी दोहरी मार
ओपेक देशों ने रूस से बातचीत के बाद कच्चे तेल के प्रोडक्शन में कटौती करने का फैसला लिया है और अब सरकार भी तेल की कीमतों में इजाफा कर जनता को बड़ा झटका देने की तैयारी कर रही है। हालांकि आज देश में पेट्रोल के दामों में 15 पैसे प्रति लीटर और डीजल के दामों में 21 पैसे प्रति लीटर की कटौती देखने को मिली। लेकिन तेल के दामों में कटौती का ये सिलसिला कुछ ही दिनों में समाप्त हो जाएगा क्योंकि जनता को ओपेक देशों और सरकार से दोहरी मार पड़ने वाली है।
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