सरकार पर था दबाव
हालांकि जीएसटी परिषद ने अपने पिछली बैठक में इन व्हाइट गुड्स पर फैसला नहीं लिया था। इस पर जानकारों का मानना है कि, लेवी में कटौती बस एक समय की बात है क्योंकि बीते कई तिमाहियों से अर्थव्यवस्था को लेकर नरेन्द्र मोदी सरकार थोड़ी दबाव में है। सभी राज्यों के वित्त मंत्री और के सथ वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद बैठक किया था।
पिछले बैठक में जीएसटी परिषद ने लिए थे अहम फैसले
पिछले हफ्ते हुए जीएसटी परिषद की बैठक में, रेस्टोरेंट पर लगने वाले टैक्स दर को 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी किया गया था। वहीं इसके साथ ही लगभग 200 वस्तुओं पर भी लगने वाले जीएसटी को कम किया गया था। इसके साथ ही परिषद ने केवले 50 उत्पादों को ही 28 फीसदी के टैक्स स्लैब में रखा था। नए टैक्स व्यवस्था को पूरी तरह से व्यापक बनाने के लिए सरकार ने छोटे कारोबरियों के कम्पोजिशन स्कीम को बढ़ा दिया। इससे कारोबारियों के साथ-साथ ग्राहकों को भी राहत मिला है। वहीं सरकार को एक और फायदा हुआ है कि, ्जीएसटी लागू होने के बाद सरकार पर चैतरफा हमला हो रहा था। लेकिन इसके बाद से आलोचकों का मुंह बंद हो गया है।
विक्राताओं को नए दर के लाभ देने का निर्देश जारी
चॉकलेट, टूथपेस्ट्स, शैंपू और शेविंग क्रीमजैसे उत्पादों की एक बहुतायत – उन पर मुद्रित अधिकतम खुदरा मूल्य के साथ- जीएसटी में कटौती के बाद सस्ता हो गए हैं। कुछ एफएमसीजी ने पहले ही विक्रताओं और स्टॉकिस्टों को नए दर के लाभ के लिए ग्राहकों को निर्देश जारी किए हैं।