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एशियाई करंसी में सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाला करंसी बना रुपया, मोदी फैक्टर का दिखा असर

पांच सप्ताह में सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाला एशियाई करंसी बना रुपया।
जानकारों ने कहा कि जून तक 67 के करीब पहुंच सकता है रुपया।
18 मार्च तक भारत में आया 3.3 अरब डॉलर का विदेशी निवेश

नई दिल्लीMar 20, 2019 / 06:24 pm

Ashutosh Verma

नई दिल्ली। महज पांच सप्ताह में रुपया एशिया में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली करंसी के बाद अब सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाली करंसी बन गया है। डॉलर के मुकाबले रुपए में यह बढ़त नरेंद्र मोदी के दोबारा प्रधानमंत्री बनने की उम्मीद में है। पाकिस्तान पर कार्रवाई के बाद बाजार में आशावाद देखने को मिल रहा जिसके बाद अब घरेलू शेयर्स में बढ़त देखने को मिल रही है। इस मामले से जुड़े जानकारों का कहना है कि यदि नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री बनते हैं तो इससे डॉलर के मुकाबले रुपए में तेजी देखने को मिल सकती है। सिंगापुर के सोशियो बैंक के करंसी स्ट्रैटेजिस्ट गाओ की का कहना है आगामी जून मध्य तक डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 67 के नजदीक पहुंच जाएगा।


ओपिनियन पोल के नतीजों से बाजार में उत्साह

18 मार्च तक विदेशियों ने भारतीय बाजार में करीब 3.3 अरब डॉलर का निवेश किया है जो कि ईयर-टू-डेट के 5.6 अरब डॉलर के मुकाबले आधे से भी अधिक है। साथ ही इस माह में अब तक बॉन्ड होल्डिंग्स भी बढ़कर 1.4 अरब डॉलर को हो गया है। अगस्त के बाद डॉलर के मुकाबले रुपया सबसे मजबूत स्तर पर पहुंच गया है। बीते एक माह में संपत्ति खरीदने के लिए डॉलर में बॉरोईंग में 3.8 फीसदी की तेजी आई है, जो कि ब्लूमबर्ग की एक डेटा के मुताबिक अब तक की सबसे बेस्ट कैरी-ट्रेड रिटर्न है। बता दें कि दो ओपिनियन पोल में नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए एक बार फिर सरकार बनाते हुए दिखाई दे रही है। आगामी लोकसभा चुनाव 11 अप्रैल से शुरू होने वाले हैं जो कि सात चरणों में पूरे होंगे। चूनाव के नतीजे 23 मई को घोषित किए जाएंगे।


भविष्य में भी रुपए में तेजी के आसार

बाजार विश्लेषकों का कहना है कि मोदी की जीत की उम्मीद से बाजार में उत्साह देखने को मिल रहा है। घरेलू इक्विटी बाजार में अचानक इस प्रकार की तेजी के पीछे कोई अन्य कारण नहीं दिखाई दे रहा है। भविष्य में भी डॉलर के मुकाबले रुपए की मजबूती की उम्मीद से डेरिवेटिव मार्केट पर भी साकारात्मक असर दिखाई दे रहा है। डेरिवेटिव मार्केट में एक महीने के विकल्पों में रुपए को बेचने के अधिकार का हवाला देते हुए अब खरीदने के मुकाबले 19 आधार अंक अधिक हैं। यह 5 सितंबर की 148 अंक से कम है।
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