देना होगा निवेश से होने वाले रिटर्न को पूरा ब्यौरा
आयकर विभाग की नजर इस बात पर रहेगा की जिन लोगों ने एक साल में 10 लाख से ज्यादा का निवेश किया है, क्या उन्होने इससे होने वाले आमदनी पर आयकर रिटर्न भरा है। जांच के दौरान आयकर विभाग ये भी देखेगा कि यदि किसी ने रिटर्न भरा है तो क्या इससे होने वाली उनही आमदनी किए गए निवेश से मेल खाती है। क्या उस रिटर्न में मार्केट शेयर से होने वाले कमाई की जानकारी दी गई है।आयकर विभाग के उच्च अधिकारी ने बताया कि, यदि जांच में यह पाया गया कि शेयरा मार्केट में एक साल में 10 लाख से ज्यादा निवेश करने वाला व्यक्ति सही रिटर्न नहीं फाईल किया है या इसपर सही रिटर्न नहीं भरा है तो विभाग उसे नोटिस भेजेगा। यदि इसके बाद भी वो सही जानकारी नहीं देतो है तो उसपर टैक्स चोरी और ब्लैक मनी कानून के तहत कार्रवाई करेगा।
मंत्रालय ने जारी किया था एडवाइजरी
सरकार को इस बात का शक है कि बहुत से लोग स्टॉक मार्केट में शेयर, डिबेंचर, बॉन्ड और बायबैक के जरिए अपने ब्लैक मनी को खपा रहे है। इसी को ध्यान मे रखते हुए कॉरपोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री ने सभी कंपनियों को एक एडवाइजरी जारी किया था। इए एडवाइजरी में कंपनियो को ऐसे लोगों की लिस्ट आयकर विभाग को अपडेट करने के लिए कहा गया था जो एक साल के अन्दर शेयर मार्केट मे 10 लाख से ज्यादा का निवेश किया है।
इसके तहत रिन्यूवल के जरिए मिलने वाले अमाउंट को नही शामिल किया गया है। यदि ओपेन मार्केट के अलावा किसी ने एक वित्त वर्ष में 10 लाख या उससे ज्यादा के शेयर को बायबैक के जरिए खरीदा है तो इसकी जानकारी मंत्रालय को दिया जाए। कंपनियों के अलावा बीएसई और एनएसई से भी मंत्रालय ने इन जानकारियों को प्राप्त किया है।