नई दिल्ली. इन दिनों मर्जर और अधिग्रहण का दौर चल रहा है। कंपनियां अब ग्लोबल लेबल को टक्कर देना चाह रही है। हाल के दिनों में बढ़ते कंम्टिशन से निपटने के लिए सरकारी बैंकों का विलय हुआ। तो वहीं टेलीकॉम सेक्टर में जियो से निपटने के लिए वोडाफोन औऱ आइडिया ने मर्जर की तैयारी कर ली है। वहीं तेल सेक्टर में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए ओएनसीजी और एचपीसीएल ने हाथ मिलाने की घोषणा की। अब ई-कामर्स क्षेत्र में बड़ा उलटफेर करने के लिए फ्लिफकार्ट ने स्नैपडील को करीब 6 हजार करोड़ में खरीदने जा रही है। माना जा रहा है कि ई-कॉमर्स की सबसे बड़ी कंपनी अमेजन से मिल रहे कड़े टक्कर के तहत कंपनी ने ये फैसला लिया है। स्नैपडील ने फ्लिपकार्ट के 65 करोड़ डॉलर (करीब 6175 करोड़ रुपए) के रिवाइज्ड ऑफर को स्वीकार कर लिया है। गौरतलब है कि स्नैपडील में
रतन टाटा समेत कई बड़ें निवेशको ने पैसा लगाया हुआ है। वहीं स्नैपडील की सबसे बड़ी इन्वेस्टर सॉफ्टबैंक बीते कई महीनों से इसकी बिक्री की कोशिशों में लगी हुई है।
स्नैपडील के इन्वेस्टर्स में ओंटारियो टीचर्स पेंशन प्लान, प्रेमजी इन्वेस्ट,
रतन टाटा, फॉक्सकॉन, ब्लैकरॉक और टेमासेक सहित कई शामिल हैं।
हाल के दिनों के बड़े मर्जर- अधिग्रहण
सेक्टर कंपनी
टेलीकॉम वोडाफोन- आइडिया
बैंकिंग एसबीआई
बैंकिंग 12 बैंकों का विलय
ऑयल ओएनजीसी- एचपीसीएल
तीन चरण में होगा अधिग्रहण
फ्लिपकार्ट और स्नैपडील का विलय तीन चरणों में किया जाएगा. पहले सॉफ्टबैंक स्नैपडील और इसके इन्वेस्टर्स से स्टेक खरीदेगा जो इस कंपनी का सबसे बड़ा निवेशक है. निवेशकों में कलारी कैपिटल शामिल है. इसके बाद सॉफ्टबैंक इसे फ्लिपकार्ट को देगा और आखिर चरण में फ्लिपकार्ट अपने बिजनेस में स्नैपडील को मिला लेगा।
क्या है अधिग्रहण का मकसद
भारत का तेजी से बढ़ता ई-कॉमर्स सेक्टर इन दिनों अमरीका की दिग्गज ऑनलाइन रिटेल कंपनी अमेजन और अग्रणी घरेलू कंपनी फ्लिपकार्ट के बीच तगड़ी टक्कर का गवाह बन रहा है। वहीं सस्ते फोन व डाटा प्लान्स की उपलब्धता के चलते ज्यादा से ज्यादा ई-कॉमर्स कंपनियां सामने आ रही हैं। चुकिं स्नैपडील भारत की ई-कामर्स कंपनियों में बड़ी कंपनी मानी जाती है। लिहाजा फ्लिफकार्ट इस कंपनी को खरीदकर ई-कॉमर्स मार्केट पर अपनी हिस्सेदारी और बढ़ाना चाहता है। डील के बाद बड़ी टक्कर मिलेगी।
फ्लिपकार्ट का आकार
फ्लिपकार्ट भारत में अमेजन के बाद दूसरी सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी है। 2016 में कंपनी की कुल रेवेन्यु 15,129 करोड़ की आंकी गई है। इस कंपनी में करीब 30,000 कर्मचारी काम करते है। स्नैपडील की बात करें तो फ्लिपकार्ट के बाद ये भारत की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी है।
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