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आर्थिक और राजनीतिक कारण
सोने-चांदी की कीमतें भी पेट्रोल-डीजल के दाम की तरह हर रोज बदलती है। इसका प्रमुख कारण आर्थिक और राजनीतिक है। मान लिजिए हमारे देश की सरकार ने सोने का आयात से जुड़ा कोई नया नियम लागू किया है तो इसका असर सोने की कीमत पर पड़ेगा। वहीं सोने का निर्यात करने वाले देश में किसी साल उत्पादन घट जाता है तो इसका असर भी घरेलू बाजार में सोने की कीमत पर पड़ता है।
विदेशी घटनाओं का असर
अगर अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में बदलाव किया या किसी देश मे कोई ऐसा फैसला लिया गया जिसका असर वहां की इकोनॉमी पर होगा। तो अतंराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में बदलाव देखने को मिलेगा। अंतराष्ट्रीय बाजार के बदलाव का असर अगले दिन सुबह भारतीय बाजार पर भी देखने को मिलेगा।
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रिजर्व बैंक के फैसलों का असर
भारतीय रिजर्व बैंक गोल्ड से जुड़ें नियमों में कोई बदलाव करता है तो इसका असर भी कीमतों पर देखा जाता है। आपको बता दें कि ज्यादातर देश सोने का भंडार रखते हैं, जिसका प्रबंधन उस देश के केंद्रीय बैंक द्वारा किया जाता है। भारत में सरकार के गोल्ड रिजर्व का प्रबंधन भारतीय रिजर्व बैंक करता है।
डॉलर की कीमत, शेयर बाजार का अहम रोल
सोने-चांदी की कीमतों में बदलाव का एक अहम कारण डॉलर की कीमत में बदलाव और शेयर बाजार के प्रदर्शन पर भा आधारित होता है। अगर डॉलर की कीमत बढ़ती है तो रुपए में गिरावट आती है। अगर रुपए में गिरावट आएगी तो सोने की कीमत पर असर देखने को मिलेगा। ठीक उसी तरह शेयर बाजार में अगर को हलचल होती है तो सोने-चांदी कीमतों पर इसका असर देखा जा सकता है।