ईरान पर अमरीकी प्रतिबंध: अमरीकी ने तीसरे सबसे बड़े तेल उत्पादक देश ईरान पर कई सारे प्रतिबंध लगा रखे हैं। साथ ही अन्य देशों से ईरान से तेल नहीं खरीदने के लिए कहा है। भारत अपनी तेल जरूरत का एक बड़ा हिस्सा खरीदता है। लेकिन अमरीका के प्रतिबंधों के चलते भारत को ईरान से तेल खरीदने में परेशानी हो रही है। इसके अलावा अमरीकी प्रतिबंधों के चलते कच्चे तेल की कीमतों में भी तेजी आई है।
चीन-अमरीका ट्रेड वॉर: अमरीका ने चीन के खिलाफ ट्रेड वॉर शुरू कर दिया है। अमरीका ने चीन से आयात होने वाले करीब 34 अरब डॉलर से सामान पर आयात कर बढ़ा दिया है। चीन ने भी पलटवार करते हुए अमरीका को मुंहतोड़ जवाब देने की बात कही है। अमरीका और चीन के बीच शुरू हुए इस ट्रेड वॉर से अंतरराष्ट्रीय बाजार में खलबली मची हुई है। इससे डॉलर में उतार चढ़ाव देखने को मिल रहा है जिससे कच्चे तेल की कीमतें स्थिर नहीं हो पा रही हैं।
एक्साइज ड्यूटी में कटौती की संभावना नहीं: बीते दिनों पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी के बाद पूरे देश में एक्साइज कटौती कर लोगों को राहत देने की मांग की जा रही थी। लेकिन सरकार ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार यदि केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में एक रुपए की भी की भी कटौती करती है तो इससे उसे सालाना 13 हजार करोड़ रुपए का नुकसान होगा।
जीएसटी से भी राहत नहीं: बीते कुछ दिनों से पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की बात कही जा रही है। कहा जा रहा है कि जीएसटी के दायरे में आने से पेट्रोल-डीजल के दामों में भारी गिरावट आ जाएगी। लेकिन एेसा कुछ होता नहीं दिख रहा है। पहला कारण यह तो यह है कि सरकार के पास पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने को लेकर कोई स्पष्ट रोडमैप नहीं है। साथ ही केंद्र सरकार राज्य सरकार को पेट्रोल-डीजल पर जीएसटी के अलावा वैट लगाने की छूट देने की बात कर रही है। इससे पेट्रोल-डीजल के दाम जीएसटी में आने के बाद भी ज्यों के त्यों बने रह सकते हैं।