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6 रुपए प्रति लीटर तक कम हो सकते हैं पेट्रोल-डीजल के भाव, बस सरकार को अपनानी होगी ये तरकीब

प्लानिंग कमीशन के पूर्व सदस्य किरीट पारिख ने कुछ एेसे सुझाव दिए हैं जिसके तहत पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 5 से 6 रुपए तक की अौर कमी हो सकती है।

Nov 16, 2018 / 09:04 pm

Ashutosh Verma

Petrol Diesel

6 रुपए प्रति लीटर तक कम हो सकते हैं पेट्रोल-डीजल के भाव, बस सरकार को अपनानी होगी ये तरकीब

नर्इ दिल्ली। बीते कुछ समय में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव में नरमी से देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार कटौती देखने को मिल रही है। प्लानिंग कमीशन के पूर्व सदस्य किरीट पारिख ने कुछ एेसे सुझाव दिए हैं जिसके तहत पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 5 से 6 रुपए तक की अौर कमी हो सकती है। किरीट पारीख के इस सुझाव से सरकार के राजस्व काे भी कोर्इ नुकसान नहीं होगा।पारिख ने कहा है कि यदि राज्यों द्वारा लगाए जाने वाले वैट व केंद्र सरकार द्वारा लगाए जाने वाले एक्साइज ड्यूटी में 10 फीसदी तक की कटौती की जाती है तो पेट्रोल-डीजल के भाव में कमी आ सकती है। द इंडियन एक्सप्रेस के लिए ‘आॅयल एंड रुपी प्राॅब्लम’ नामक एक लेख में, उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को दोगुना करने के लिए कई उपाय सुझाए।


राज्यों पर बिना किसी असर के 1.5 रुपए प्रति लीटर तक की हो सकती है कमी

इस साल कच्चे तेल की कीमतें 85 डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ीं हैं। पारिख ने सुझाव दिया कि ईंधन की कीमतें अभी भी 5-6 रुपए तक कम हो सकती हैं। उनके अनुसार, राज्यों का वार्षिक राजस्व कच्चे तेल की कीमत और रुपए दोनों के आंदोलन के आधार पर 10 फीसदी से 16.5 फीसदी तक बढ़ जाएगा। यहां तक कि 70 डॉलर प्रति बैरल पर तेल का कारोबार होने पर भी राज्य अपेक्षा से 20,000 करोड़ रुपए अधिक इकट्ठा कर सकेंगे। उन्होंने सुझाव दिया कि राज्य राजस्व पर प्रतिकूल प्रभाव के बिना 1.5 रुपए प्रति लीटर तक ईंधन की कीमतों में कटौती की जा सकती है।


जीएसटी स्लैब में करना होगा बदलाव

यदि एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाया जाता है तो कुल कट 5-6 रुपये प्रति लीटर तक हो सकता है। “केंद्र सरकार ने 2017-18 में पेट्रोलियम उत्पादों से 2,29,000 करोड़ रुपये इकट्ठा किया है। यदि एक्साइज ड्यूटी में 10 फीसदी की कमी होती है तो जो पेट्रोल पर लगने वाले एक्साइज ड्यूटी 19.48 रुपये प्रति लीटर से घटकर 17.50 रुपये और 17.24 रुपये प्रति लीटर डीजल से घटकर 15.50 रुपये हो जाएगा। इससे राजस्व में 22,900 करोड़ रुपए की गिरावट आएगा। 22,900 करोड़ रुपये के नुकसान की भरपार्इ करने को लेकन पारीख ने सुझाव दिया कि सरकार वस्तु एंव सेवा कर (जीएसटी) स्लैब को 5 फीसदी से 5.2 फीसदी तक, 12 फीसदी से 12.48 फीसदी और 28 फीसदी से 29.12 फीसदी तक कर सकती है।

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