आरबीआइ ला सकता है डिजिटल मुद्रा-
एक मोटे अनुमान के मुताबिक देश में डेढ़ से दो करोड़ डॉलर की क्रिप्टोकरेंसी खरीद गई है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) के डिप्टी गवर्नर बीपी कानूनगो ने कहा था कि आरबीआइ की आंतरिक समिति केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा जारी करने के तौर तरीकों पर गौर कर रही है और यह जल्दी इस बारे में अपनी सिफारिश देगी। आरबीआइ यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि डिजिटल करेंसी को लाने से क्या फायदे होंगे और यह कितनी उपयोगी होगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में बताया कि एक उच्च स्तरीय समिति ने कहा है कि केवल सरकार की ओर से जारी ई-करेंसी को ही भारत में मंजूरी दी जाए।
इसलिए लग रही है रोक-
25 जनवरी को जारी बुकलेट में आरबीआइ ने कहा था कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी और उसके साथ आने वाले रिस्क को लेकर सावधान है। क्रिप्टोकरेंसी एक विकेंद्रीकृत भुगतान प्रणाली है। इसका मतलब ये पारंपरिक मुद्रा की तरह किसी केंद्रीय बैंक द्वारा रेगयुलेट नहीं की जाती। इस वजह से आरबीआइ जैसे केंद्रीय बैंकों के लिए यह चिंता का विषय है। आरबीआइ की तरह यूरोपियन सेंट्रल बैंक ने भी क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ चेतावनी जारी की है।
2018 में लगाया था बैन-
आरबीआइ ने 2018 में एक सर्कुलर जारी कर क्रिप्टोकरेंसी कारोबार को बैन किया था। हालांकि, मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रेड को मंजूरी दे दी थी।
कीमतों में जबरदस्त उछाल-
क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन, लाइटकॉइन और डॉगकॉइन की कीमतों में इन दिनों भारी उछाल आया है। बिटकॉइन की कीमत पिछले दिनों में रेकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई हैं। इसकी कीमत 47,553 डॉलर यानी 34.66 लाख रुपए से भी ज्यादा है। इसमें 21.47 फीसद की तेजी आई है।
मस्क ने किया 1.5 बिलियन डॉलर का निवेश-
टेस्ला कंपनी के मालिक एलन मस्क ने बिटकॉइन में बड़ा निवेश किया है। कंपनी ने बताया कि बिटकॉइन में कंपनी ने 1.5 बिलियन डॉलर का निवेश किया है। इसके बाद से बिटकॉइन की कीमतों में रेकॉर्ड बढ़ोतरी देखी गई है।