मस्जिद कमेटी ने इलाहाबाद HC के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें HC ने इस विवाद से जुड़े 15 मुकदमों को एक साथ जोड़कर सुनवाई करने का फैसला लिया था। मुकदमों का एक साथ हो सुनवाई
23 मई 2023 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि ये सभी मुकदमे एक ही तरह के हैं, जिनमें एक ही तरह के सबूतों के आधार पर फैसला होना है। लिहाजा, कोर्ट का समय बचाने के लिए ये बेहतर होगा कि इन मुकदमों पर एक साथ सुनवाई हो।
इस आदेश के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में SLP दाखिल की थी। इसमें मांग की थी कि सभी मुकदमों को अलग-अलग सुना जाए। हिंदू पक्षकार महेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि मुस्लिम पक्ष चाहता था कि मामले की सुनवाई अलग-अलग हो। मगर सुप्रीम कोर्ट ने उनकी SLP खारिज कर दी। वो चाहते हैं कि यह मामला लटका रहे।