गिरिराज जी पर जेसीबी नहीं रूकती तो आत्मदाह कर लेते पूंछरी में गिरिराज जी पर जेसीबी चलते देख सबसे पहले रोजाना परिक्रमा करने वाले बाबा गंगा दास ने विरोध किया था। उनके विरोध के चलते मामला एनजीटी पहुंच गया और एनजीटी ने भक्तों की भावनाओं को समझते हुए निर्माण कार्य पर रोक लगा दी। गंगा दास बाबा का कहना है कि अगर गिरिराज जी पर जेसीबी चलती तो वे आत्मदाह कर लेते। गिरिराज जी की पूजा बालक के भाव में होती है जब जेसीबी चल रही थी तो गिरिराज जी का लाल रंग देख उनके आंखों से आंसू निकल रहे थे।
भरतपुर प्रशासन अब नहीं दे रहा है गिरिराज को सम्मान याचिकाकर्ता आंनद बाबा के साथ प्रार्थनापत्र देने वाले सत्यप्रकाश
मंगल ने बताया कि एनजीटी की फटकार के बाद भी भरतपुर प्रशासन गिरिराज जी को सम्मान नहीं दे रहा है। उनका कहना है कि
काम रोके जाने के बाद जेसीबी से कार्य कराया गया जबकि उनको सम्मान पूर्वक गिरिराज जी की शिलाओं को रखना था। इस मामले में एनजीटी को अवगत कराएंगे।
गिरिराज जी भी हमारी आस्था का केन्द्र वहीं राजस्थान सीमा में ब्रज विकास के परियोजना अधिकारी आशाराम सैनी ने बताया कि गिरिराज जी हमारी आस्था का केन्द्र हैं। काम रोके जाने के बाद गिरिराज जी की इधर-उधर बिखरी शिलाओं को हाथों से रखा गया है। गिरिराज जी के ऊपर मशीनरी का प्रयोग नहीं किया जा रहा है। एनजीटी न्यायालय के आदेशों को पालन किया जाएगा।