बुधवार को छोटी बहन घर पर गई हुई थी। उसी के बगल वाले कमरे में एक छात्रा सपना भी रह रही थी। सपना जब स्कूल से अपनी पढ़ाई करके लौटी तो प्रियंका ने अंदर से गेट बन्द कर रखा था। काफी देर तक वह गेट को खटखटाती रही, लेकिन जब गेट नहीं खुला तो उसने अपने साथ पढने वाले छात्रों को बुलाया और आसपास के ग्रामीणों को बताया। ग्रामीणों ने छत के ऊपर लगे जाल को तोड़कर कमरे में अंदर प्रवेश किया तो प्रियंका फाँसी के फंदे पर झूलती हुई मिली। इसकी सूचना तुरन्त इलाका पुलिस को दी गई। सूचना पर सीओ सदर रमेश कुमार तिवारी, प्रभारी निरीक्षक वृन्दावन संजीव कुमार दुवे, जैत चैकी प्रभारी नीरज भाटी भी घटना स्थल पर पहुंचे। शव को कुंदे से नीचे उतारकर उसका पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पुलिस ने इसकी सूचना छात्रा के परिजनों को दी तो वह भी मौके पर पहुंच गए। आखिर छात्रा ने यह आत्मघाती कदम क्यों उठाया यह कोई नहीं बता पाया। पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुट गई।