सुदेवी का कहना था कि भारत सरकार का सम्मान पद्मश्री अगर गोवंश की सेवा में मेरी सहायता नहीं कर सकता तो इस सम्मान का मेरी नजर में कोई महत्त्व नहीं है। वीजा की अवधि न बढऩे पर अगर अनाथ गोवंश से अलग होना पड़ा तो वे पद्मश्री सम्मान को सरकार को लौटा देंगी। उन्हें पद्मश्री सम्मान गोवंश की सेवा के लिए मिला है, जब सेवा ही छुड़ा ली जाएगी तो सम्मान का भी मैं क्या करूंगी।
उस समय उन्होंने तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मदद की गुहार लगायी थी। जब सुदेवी की गुहार सुषमा स्वराज तक पहुंची तो उन्होंने फौरन उनके वीजा अवधि मामले में अफसरों से रिपोर्ट मांगी। इसके बाद सुदेवी ने दोबारा आनलाइन अप्लाई किया और कुछ समय बाद ही रिप्लाई में वीजा की अवधि एक साल के लिए बढ़ा दी गई।