script‘रंग है गुलाल है’ द्वारिकाधीश के दर पर होली का माहौल है | Holi organized at Dwarkadhish Temple in Mathura | Patrika News
मथुरा

‘रंग है गुलाल है’ द्वारिकाधीश के दर पर होली का माहौल है

भगवान द्वारकाधीश मंदिर में होली की एक अलौकिक छटा देखते ही बन रही थी।

मथुराMar 22, 2021 / 05:27 pm

arun rawat

Dwarikadheesh temple

द्वारकाधीश मंदिर में होली

पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क
मथुरा। भगवान द्वारकाधीश मंदिर में होली की एक अलौकिक छटा देखते ही बन रही थी। भगवान के दर्शन करने आए श्रद्धालु होली के रंग में रंग गये। भगवान ने अपने भक्तों के साथ ऐसी होली खेली कि हर कोई इस होली का साक्षी बनना चाहता था। मंदिर दर्शन करने आए श्रद्धालु भगवान के संग होली खेलकर अपने आपको धन्य मान रहे थे।
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ब्रज की होली एक अलग ही स्थान पूरे विश्व में रखती है। ब्रज के प्रमुख मंदिरों में होली की शुरुआत बसंत पंचमी के दिन से ही हो जाती है। वही भगवान द्वारकाधीश मंदिर में समाज गायन के साथ होली की शुरुआत हुई। भगवान द्वारकाधीश ने भक्तों के संग होली खेली। यहां आने वाला हर भक्त अपने आराध्य के साथ होली के रंग में रंगना चाहता था। वही मंदिर में दूरदराज से आए श्रद्धालु होली के साक्षी बने और मंदिर में सेवायतों के द्वारा भक्तों पर जमकर अबीर गुलाल उड़ाया गया। मंदिर का परिसर होली के रंग में रंग गया वही समाज गायन में होली के रसिया चतुर्वेदी समाज के लोगों के द्वारा गाय गए। वही मंदिर में दर्शन करने आए श्रद्धालुओं ने बताया कि ब्रज की होली का एक अलग ही आनंद होता है और यहां भक्त और भगवान की बीच में जो होली होती है वह हमें कहीं भी देखने को नहीं मिलती। बृज की होली की छटा अलौकिक होती है और होली के समय यहां से जाने का मन नहीं करता। मथुरा की होली आनंददायक होती है और जिस रस के साथ यहां के लोग होली खेलते हैं वह अलग ही होता है सभी लोग प्रेम के साथ इस होली को मनाते हैं।
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द्वारकाधीश मंदिर में आयोजित किए गए होली उत्सव की जानकारी देते हुए मंदिर के मीडिया प्रभारी राकेश तिवारी ने बताया कि भगवान द्वारकाधीश में सोने चांदी की पिचकारी उसे अपने भक्तों के साथ होली खेली। यहां का जो माहौल है खुशनुमा होता है और भगवान अपने भक्तों को निराश नहीं करते। उन्होंने बताया कि भगवान के द्वारा प्राकृतिक फूलों से बनी रंग के साथ होली खेली। समाज गायन के साथ मंदिर में होली की शुरुआत की गई।
By – निर्मल राजपूत

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