मथुरा राजकीय संग्रहालयय के डायरेक्टर डॉ एसपी सिंह ने महात्मा गंधी जी के अस्थि कलश के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि महात्मा गांधी के स्वर्गवास के उपरांत जगह जगह उनकी अस्थियां प्रवाहित की गई थीं। मथुरा में भी उनकी अस्थियां यमुना के विश्राम घाट पर प्रवाहित करने के लिए लाई गईं। अस्थि यमुना में प्रवाहित होने के बाद कलश जिलाधिकारी आवास चला गया था। 1970 तक जिलाधिकारी आवास में ही अस्थि कलश रखा रहा था। 1970 में उस समय के तत्कालीन डायरेक्टर डॉ आरसी शर्मा हुआ करते थे। सन 70 से लेकर आज तक महात्मा गांधी जी का अस्थि कलश मथुरा के राजकीय संग्रहालय में सुरक्षित रखा हुआ है। जनता की मांग को देखते हुए गाँधी जी का अस्थि कलश देखने के लिए रखा जाने लगा। इसी तरह पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का अस्थि कलश भी यहीं रखा हुआ है। जवाहर लाल नेहरू और गाँधी जी की पुण्य तिथि पर कलशों को बाहर निकालते हैं।
तीन साल पहले निकाला गया अस्थि कलश मथुरा का जो संग्रहालय है इसमें बहुत ही प्राचीन काल की मूर्तियाँ हैं। कभी लंबे समय से अस्थि कलशों को बाहर नहीं निकाला गया था लेकिन जनता की माँग बढ़ने लगी और करीब तीन साल पहले इन अस्थि कलशों को निकाला गया ताकि यहाँ आने वाले लोग उन कलशों के दर्शन कर सकें और उन्हें देख सकें। उन्होंने ये भी बताया कि गाँधी जी के अलावा लाल बहादुर शास्त्री ,पंडित जवाहर लाल नेहरू के अस्थि कलश भी जिला संग्रहालय में रखे हुए हैं।