National pollution control day: बाहरी प्रदूषण से कहीं ज्यादा घातक है इनडोर पॉल्यूशन, विशेषज्ञ से जानिए हैरान करने वाला सच, देखें वीडियो
फेफड़ों के लिए घातक है प्रदूषित वायु
डॉ. आशीष गोपाल का कहना है कि ऑक्सीजन हमारे फेफड़ों के लिए भोजन की तरह होता है। यदि हमारे आसपास की हवा प्रदूषित होगी तो जाहिर सी बात है कि हमारे फेफड़ों को नुकसान पहुंचाएगी। ऐसे में चाहे बात आउटडोर पॉल्यूशन की हो या इनडोर पॉल्यूशन की। लंबे समय तक प्रदूषित हवा के संपर्क में रहना हर शख्स के लिए घातक है।
डॉ. आशीष गोपाल बताते हैं कि आजकल हर घर में माइक्रोवेव, फ्रिज, एसी आदि होते हैं। इन उपकरणों से एक गैस निकलती है जिसे क्लोरो-फ्लोरो-कार्बन्स कहा जाता है। क्लोरो-फ्लोरो-कार्बन्स वही गैस है जिसे पृथ्वी की ‘छतरी’ के रूप में सुरक्षा कवच के तौर पर काम करने वाली ओज़ोन परत में सुराख़ के लिए ज़िम्मेदार माना जाता है। आप समझ सकते हैं कि जो गैस ओजोन परत का क्षरण करने की क्षमता रखती है, वो एक इंसान के लिए कितनी खतरनाक हो सकती है। डॉ. आशीष गोपाल का कहना है कि हमारी प्रोटेक्ट लेयर कहलाने वाली ओजोन परत का जैसे जैसे क्षरण होगा, लोगों में कैंसर का खतरा कई गुना बढ़ जाएगा।
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मोबाइल से निकलने वाला रेडिएशन भी खतरनाकइसके अलावा आजकल हर शख्स मोबाइल 24 घंटे अपने आसपास रखता है। कुछ लोगो तो दो से तीन मोबाइल का प्रयोग करते हैं। एक एक घर में हर सदस्य के पास अलग अलग मोबाइल फोन हैं। इन मोबाइल फोन से निकलने वाला रेडिएशन सीधे तौर पर कैंसर के खतरे को बढ़ाता है। यानी घरों में जितने ज्यादा मोबाइल, उतना ज्यादा रेडिएशन। इस तरह देखा जाए तो हम सभी अपना ज्यादातर समय अपने घरों में बिताते हैं, यानी हम अपना ज्यादातर वक्त जहरीली गैस और रेडिएशन के बीच में बिताते हैं। लेकिन इस पर गंभीरता से कोई नहीं सोचता।
डॉ. आशीष गोपाल का कहना है, घर में क्रॉस वेंटिलेशन का न होना भी इनडोर पॉल्यूशन की वजह है। इससे घरों में नमी बनी रहती है, जो फंगस की वजह बनती है।इसके कारण घर में रहने वाले लोगों को सांस की बीमारियां जैसे एलर्जी, अस्थमा आदि होने की आशंका काफी हद तक बढ़ जाती है। इसके अलावा जिन घरों में चूल्हे पर खाना बनता है, वहां भी धुएं के कारण व जिन स्थानों पर अनाज का भंडारण किया जाता है, वहां धूल के कारण घरों के अंदर प्रदूषण फैलता है।
1. विशेषज्ञ का कहना है कि इनडोर पॉल्यूशन से बचने के लिए मोबाइल, माइक्रोवेव, एसी का सीमित प्रयोग करें।
2. फ्रिज को किसी ऐसे स्थान पर रखें जहां घर के लोगों का कम से कम समय व्यतीत होता हो।
3. खाना बनाने के लिए चूल्हे के बजाय गैस का उपयोग करें। यदि चूल्हे का प्रयोग करना भी है तो किसी खुले स्थान पर करें।
4. अनाज का भंडारण घर के बाहरी हिस्से में करें और उस स्थान पर खिड़कियां जरूर हों।
5. झाडू लगाते समय या कोई भी धूल का काम करते समय मुंह और नाक को कपड़े की दोहरी परत से ढकें या मास्क का प्रयोग करें।
6. घर में दोनों तरफ खिड़कियां हों, ताकि हवा का क्रॉस वेंटिलेशन होता रहे।
7. घर के अंदर की हवा को शुद्ध करने के लिए इनडोर प्लांट का प्रयोग करें।
8. घर के बाहर भी गमलों और बगीचे में पौधे लगाएं ताकि घर के अंदर शुद्ध हवा आ सके।