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मथुरा

जेल में निरुद्ध कैदियों ने कोरोना महामारी के वक्त पारिश्रमिक कमाई में से 32 हजार दिए दान

कैदियों ने 32 हजार की धनराशि सीएम राहत कोष में योगदान के लिए डीजी जेल आनंद कुमार को सौंपी

मथुराMay 22, 2020 / 08:37 pm

Neeraj Patel

जेल में निरुद्ध कैदियों ने कोरोना महामारी के वक्त पारिश्रमिक कमाई में से 32 हजार दिए दान

जेल में निरुद्ध कैदियों ने कोरोना महामारी के वक्त पारिश्रमिक कमाई में से 32 हजार दिए दान

मथुरा. विभिन्न अपराधों में जेल में निरुद्ध कैदी भले ही अपनों और समाज से दूर हैं लेकिन कोरोना महामारी के मुश्किल वक्त में ये कैदी भी अपने पारिश्रमिक से कमाई गई रकम में से लोगों की मदद के लिए सीएम राहत कोष में योगदान दे रहे हैं। मथुरा जेल में अपने पारिश्रमिक के रूप में कमाई रकम में से कैदियों ने 32 हजार की धनराशि सीएम राहत कोष में योगदान के लिए डीजी जेल आनंद कुमार को सौंपी है। शुक्रवार को मथुरा जेल का निरीक्षण करने आए डीजी जेल के सामने जब कैदियों ने अपने पारिश्रमिक में से सीएम राहत कोष में सहयोग राशि देने की इच्छा जाहिर की तो जेल अधिकारी भी कैदियों की तारीफ करते नहीं थके। इस मौके पर डीजी जेल ने बताया कि इससे पहले मेरठ जोन की जेलों में बंद कैदियों ने 2 लाख से अधिक की धनराशि मुख्यमंत्री राहत कोष में दे चुके हैं।

दरअसल डीजी जेल आनंद कुमार शुक्रवार को डीआईजी जेल लव कुमार के साथ मथुरा जिला जेल का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे थे। यहां कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए व्यवस्थाओं का जायजा लिया। सब कुछ सही मिलने पर अधिकारी संतुष्ट नजर आए तभी इसी बीच कुछ कैदियों ने कोविड-19 के मद्देनजर अपनी ओर से सरकार को सहयोग राशि भेंट करने को इच्छा जताई।

डीजी आनंद कुमार ने बताया कि जेल में मेहनत कर पारिश्रमिक के रूप में कमाई रकम में से कैदियों ने सीएम राहत कोष में 32 हजार रुपए को रकम दान की है। कैदियों के इस सहयोग पर जेल अधिकारी भी उनकी तारीफ किए बिना नहीं रह पाए। जेल निरीक्षण के बाद मीडिया से मुखातिब डीजी जेल आनन्द कुमार ने बताया कि मथुरा जिला जेल में बंद कैदियों द्वारा 32 हजार रुपये की राहत राशि मुख्यमंत्री राहत कोष में दान की है। उन्होंने बताया यह वह राशि है जो अपनी कमाई में से बचाकर इन कैदियों ने दी है यह एक अच्छी पहल है और समाज के लिए एक अच्छा मैसेज भी है । उन्होंने बताया कोविड-19 को देखते हुए आज मेरा दौरा मथुरा में था और सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त मिली लेकिन ओवरक्राउडिंग की दिक्कत है , जल्द ही ओवरक्राउडिंग की जो दिक्कत है उसे दूर किया जाएगा।

वहीं डीजी जेल ने बताया कि इससे पहले मेरठ जोन की जेलों में बंद कैदियों ने कोविड-19 के मद्देनजर जेल में अपने पारिश्रमिक के रूप में कमाई रकम में से 2 लाख 33 हजार रुपए सीएम रिलीफ फंड में दिया है। वहीं डीजी ने आगरा सेंट्रल और जिला जेल में मिले कोरोना पॉजिटिव मिले कैदियों को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि सेंट्रल जेल में 11 और जिला जेल में 4 संक्रमित मिले जिनमें से 1 की मौत हो चुकी है बाकी का इलाज चल रहा है। साथ ही उन्होंने बताया कि राज्य में कोविड-19 के परिप्रेक्ष में अंतरिम जमानत और पैरोल पर कुल 16,500 कैदियों को छोड़ा गया है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश की जेलों में अब तक लगभग 13 लाख मास्क बनाए गए हैं और जिनमें से कई लाख मास्क चैरिटी और जरूरतमंदों को दे दिए गए हैं। जिलों में लगातार कैदियों की दशा को सुधारने के लिए कार्य किए जा रहे हैं उन्हें कहा की सजा देने की पुरानी परिपाटी चली आ रही है हम उसे खत्म कर सुधार ग्रह बनाना चाहते हैं। हमारा उद्देश्य और प्रयास यही रहता है कि जेल में निरुद्ध कैदियों को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाएं ताकि वह जेल से छूटने के बाद समाज में रहकर एक अच्छी जिंदगी जी सकें।

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