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मथुरा

पत्रिका स्पेशल : इस स्वास्थ्य उपकेंद्र पर वर्षों से नहीं आये डॉक्टर

इस अस्पताल में डॉक्टर आते नहीं। हर तरफ गंदगी का अंबार है। बरसात के दिनों में पानी यहां आ जाता है। दरवाजे खिड़कियां टूटी हुई हैं। अधिकारी आते हैं, चले जाते हैंं, कोई सुनवाई नहीं है।

मथुराJul 13, 2018 / 08:15 pm

अमित शर्मा

Mathura News

पत्रिका स्पेशल : इस स्वास्थ्य उपकेंद्र पर वर्षों से नहीं आये डॉक्टर

मथुरा। आम जनता के लिए शुरू होने वाली योजनाएं प्रशासनिक और राजनीतिक उपेक्षाओं के चलते किस तरह उलटे मुंह गिरती हैं यह किसी से छिपा नहीं है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है कान्हा की नगरी मथुरा में जब लाखों रुपए की लागत से बने मातृ शिशु एवं परिवार कल्याण सामुदायिक उप स्वास्थ्य केंद्र का जो कि अपनी बद्हाली पर आंसू बहा रहा है और अधिकारी हैं कि स्टाफ का रोना रो कर सरकार की बेहतर स्वास्थ्य देने की योजना को पलीता लगा रहे हैं।
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सालों से नहीं आये डॉक्टर

उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ भले ही स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की बात करते हो लेकिन धरातल पर सच्चाई किसी से नहीं छुपी है। जब पत्रिका की टीम स्वास्थ्य सेवाओं का जायजा लेने के लिए निकली तो सचाई खुद व् खुद सामने आ गयी सबसे पहले हमारी टीम ने जायजा लिया मथुरा से करीब 20 किलो मीटर दूर नेशनल हाईवे स्थित बसा जैंत गांव में बने मातृ शिशु एवं परिवार कल्याण सामुदायिक उप स्वास्थ्य केंद्र का तो स्वास्थ्य सेवाओं और केंद्रों की हकीकत सामने आ गयी। जैंत गांव में बना स्वास्थ्य केंद्र अपनी बदहाली पर नौ नौ आंसू बहा रहा है और यहां लोग अपने पशुओं को लाकर बांधे जाते हैंं। सालों से यहां तैनात डॉक्टर और नर्स भी महीनों में एक बार आते हैं। जब हमने जैंत गांव के लोगों से इस उप केंद्र के बारे में बात की तो उन्होंने बताया कि यहां सालों से कोई नहीं आया और न ही कोई सुनता है, कई बार बड़े अधिकारीयों से शिकायत की। अधिकारी आये लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ। गांव के लोगों ने देखा कि यहां कोई नहीं आता तो उन्होंने अपने घर का कचड़ा यहां डालना शुरू कर दिया और घरों का पानी भी अब यहीं आने लग गया है। गांव के कुछ लोग गोबर भी यहीं डालने लग गए हैं और अपने कृषि यंत्रों को भी इसी के सामने खड़ा करने लग गए हैं।
गंदगी का अंबार

स्थानीय निवासी चंद्रभान सिंह और दीनू ने बताया कि इस स्वास्थ्य उप केंद्र की पिछले 10 से 12 सालों से ज्यादा ख़राब है।बीच में इसकी स्थिति सुधर गयी थी, करीब पांच साल से यहां कोई नहीं आता क्योंकि यहां आने के लिए कुछ है ही नहीं। डॉक्टर आते नहीं। हर तरफ गंदगी का अंबार है। बरसात के दिनों में पानी यहां आ जाता है। दरवाजे खिड़कियां टूटी हुई हैं। अधिकारी आते हैं, चले जाते हैंं, कोई सुनवाई नहीं है।
गंदगी का अंबार

स्थानीय निवासी चंद्रभान सिंह और दीनू ने बताया कि इस स्वास्थ्य उप केंद्र की पिछले 10 से 12 सालों से ज्यादा ख़राब है।बीच में इसकी स्थिति सुधर गयी थी, करीब पांच साल से यहां कोई नहीं आता क्योंकि यहां आने के लिए कुछ है ही नहीं। डॉक्टर आते नहीं। हर तरफ गंदगी का अंबार है। बरसात के दिनों में पानी यहां आ जाता है। दरवाजे खिड़कियां टूटी हुई हैं। अधिकारी आते हैं, चले जाते हैंं, कोई सुनवाई नहीं है।
जांच के आधार पर कार्रवाई

जैंत में बने सामुदायिक स्वास्थ्य उप केंद्र के बारे में जब हमने अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी मथुरा डॉ बृजेश खन्ना से बात की तो उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि जैंत का उप केंद्र है, वह काफी जर्जर अवस्था में है। वहां के चिकित्सा अधीक्षक से बात की तो उन्होंने बताया कि हमने जिला स्वास्थ्य मुख्य अधिकारी को इसके बारे में लिखा है अगर लापरवाही बरती गई है तो उसमें जांच कराएंगे जो भी सामने आएगा उसी के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

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