ये है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक शहर के जाने माने हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. निर्विकल्प अग्रवाल का 10 दिसंबर 2019 को बदमाशों ने गोवर्धन चौराहा ओवर ब्रिज पर अपनी कार से उनकी कार में टक्कर मारकर रोक लिया था और उनका अपहरण कर दिल्ली हाईवे की ओर चल दिए थे। इस बीच बदमाशों ने डॉक्टर के फोन से उनकी पत्नी को फोन किया और 52 लाख रुपए की फिरौती वसूल की। इसके बाद बदमाश डॉक्टर को नेशनल हाईवे स्थित सिटी हॉस्पिटल के सामने सर्विस रोड पर छोड़कर फरार हो गए थे। घटना की जानकारी मिलने पर एसएसपी शलभ माथुर, तत्कालीन थाना हाईवे प्रभारी जगदंबा सिंह, सर्विलांस सेल प्रभारी निरीक्षक जसवीर सिंह, एसओजी प्रभारी उपनिरीक्षक सुल्तान सिंह मौके पर पहुंचे थे। तब डॉ. निर्विकल्प अग्रवाल ने पुलिस अधिकारियों को सारी घटना के बारे में खुद बताया था। इसके बाद भी इस मामले में मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। ये पूरा प्रकरण शहर में चर्चा का विषय रहा था।
जानकारी के मुताबिक शहर के जाने माने हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. निर्विकल्प अग्रवाल का 10 दिसंबर 2019 को बदमाशों ने गोवर्धन चौराहा ओवर ब्रिज पर अपनी कार से उनकी कार में टक्कर मारकर रोक लिया था और उनका अपहरण कर दिल्ली हाईवे की ओर चल दिए थे। इस बीच बदमाशों ने डॉक्टर के फोन से उनकी पत्नी को फोन किया और 52 लाख रुपए की फिरौती वसूल की। इसके बाद बदमाश डॉक्टर को नेशनल हाईवे स्थित सिटी हॉस्पिटल के सामने सर्विस रोड पर छोड़कर फरार हो गए थे। घटना की जानकारी मिलने पर एसएसपी शलभ माथुर, तत्कालीन थाना हाईवे प्रभारी जगदंबा सिंह, सर्विलांस सेल प्रभारी निरीक्षक जसवीर सिंह, एसओजी प्रभारी उपनिरीक्षक सुल्तान सिंह मौके पर पहुंचे थे। तब डॉ. निर्विकल्प अग्रवाल ने पुलिस अधिकारियों को सारी घटना के बारे में खुद बताया था। इसके बाद भी इस मामले में मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। ये पूरा प्रकरण शहर में चर्चा का विषय रहा था।
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जनवरी में बदमाशों ने फिर से 50 लाख रुपए की वसूली के लिए डॉक्टर के पास फोन किया। तब ये मामला एक बार फिर से मीडिया में उछला। हालांकि पुलिस का कहना है कि फिरौती के फोन की सूचना डॉक्टर ने डर के कारण पुलिस को नहीं दी थी। डॉक्टर का कहना था कि काफी पहले उनके माता-पिता की आगरा में हत्या कर दी गई थी इस भय के कारण उन्होंने किसी को सूचना नहीं दी। मामला दोबारा चर्चा में आने पर पुलिस की भूमिका पर सवाल उठने लगे। इसके बाद आईजी रेंज ए सतीश गणेश ने मामले का संज्ञान लिया। आईजी ने मथुरा के पुलिस अधिकारियों को आगरा तलब किया, लेकिन इस बीच हाईवे थाना प्रभारी जगदम्बा सिंह वहां नहीं पहुंचे। उन्होंने खुद को राजस्थान में होने का हवाला दे दिया। जब उनका सीडीआर चेक की गई तो लोकेशन लखनउ की मिली। इसके बाद हाईवे थाना प्रभारी को इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में बुधवार को एसएसपी ने निलंबित कर दिया। वहीं सनी मलिक पुत्र देवेंद्र मलिक निवासी न्यू सैनिक कॉलोनी थाना कंकरखेड़ा मेरठ, महेश पुत्र रघुनाथ निवासी कौलाहार थाना नौहझील जनपद मथुरा, अनूप पुत्र जगदीश निवासी कौलाहार थाना नौहझीन जनपद मथुरा और नितेश उर्फ रीगल निवासी भोपाल मध्य प्रदेश के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।