बिना स्वेटर आते हैं स्कूल उत्तर प्रदेश सरकार एक ओर तो शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने की बात करती है दूसरी ओर नोनिहालों को अनेक सुविधा देने की कहती हो लेकिन धरातल पर सच्चाई कुछ अलग ही है। जब हमारी टीम ने मथुरा के कई सरकारी स्कूलों की पड़ताल की तो सारी की सारी हकीकत सामने आ गयी। सबसे पहले हम पहुंचे प्राथमिक विद्यालय नारायण दास सरकार और कुलवराय प्राथमिक विद्यालय। हमने पड़ताल की तो दोनों ही स्कूलों में किसी भी बच्चे को स्वेटर सरकार की तरफ से नहीं मिले। बच्चे दिसंबर में भी बिना स्वेटर के स्कूल आने को मजबूर हैं। ठंड में ठिठुरते बच्चों से हमने बात की तो उनका साफ तौर पर कहना था कि हम इतने गरीब हैं कि घर वाले हम लोगों को स्वेटर नहीं दिला सकते। सरकार ने स्वेटर देने का वादा किया था और अभी तक सरकार की तरफ से कोई भी जर्सी और स्वेटर नहीं मिला है स्कूल आते हैं तो हमको ठण्ड लगती है।
तनख्वाह मिलेगी तो दिलाऊंगा स्वेटर प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाली नंदिनी से बात की तो नंदिनी ने बताया कि मेरे पापा नहीं हैं और मेरी मम्मी बड़ी मुश्किल से घर को चलाती हैं ऐसे में वो घर को चलायें कि मुझे स्वेटर दिलायें। वहीं दूसरी लड़की का कहना है कि मैंने पापा से स्वेटर दिलाने को कहा तो पापा ने कहा कि अभी तनख्वाह नहीं मिली है। जैसे ही तनख्वाह मिल जाएगी स्वेटर दिलवा दूंगा स्कूल आते समय बहुत ठण्ड लगती है। टीचर बोल रही थी कि आपको सरकार की तरफ से स्वेटर दिए जायेंगे। हमने पूछा तो टीचर ने कहा कि अभी स्वेटर सरकार की तरफ से नहीं आये हैं। वहीं पत्रिका की टीम ने मथुरा के गणेशरा के पूर्व माध्यमिक विद्यालय में पहुंचकर बच्चों से से बात की तो उनका भी यही कहना था कि अभी तक किसी बच्चे को जर्सी या स्वेटर नहीं मिले हैं।
सरकार से जल्द स्वेटर भेजनी की अपील पूर्व माध्यमिक विद्यालय की इंचार्ज कल्पना ने बताया कि बच्चों के लिए सरकार ने स्वेटर देने का शासनादेश जारी किया था लेकिन अभी तक स्वेटर नहीं आये हैं। सरकार से अपील करती हूं कि जल्द से जल्द स्वेटर भिजवा दिए जाएं क्योंकि बच्चे बिना स्वेटर के पढ़ने ठण्ड में आते हैं तो क्लास में बैठ नहीं पाते।