यूपी के इस शहर में गणतंत्र दिवस पर विदेशी घुसपैठियों से खतरा, बांग्लादेशियों से मिली ऐसी जानकारी कि कान खड़े हो गए
पुलिस और एजेंसियां इस बात को लेकर चौकन्नी हो गई हैं कि इन्होंने ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड, राशन कार्ड, मोबाइल सिम, पासपोर्ट, वीजा जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज भी हासिल कर लिये हैं।
मथुरा। एक सप्ताह में दो स्थानों से 17 अवैध बांग्लादेशियों की धरपकड़ के बाद विदेशियों को संरक्षण दे रहे स्थानीय लोगों में खलबली मच गई है। बांग्लादेशियों की बस्तियों को तेजी से इधर-उधर किया जा रहा है। पकड़े गये अवैध बांग्लादेशियों ने पुलिस को जो सच्चाई बताई है उससे सुरक्षा एजेंसियों के भी कान खड़े हो गये हैं।
महत्वपूर्ण दस्तावेज हासिल किए पुलिस और एजेंसियां इस बात को लेकर चौकन्नी हो गई हैं कि इन्होंने ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड, राशन कार्ड, मोबाइल सिम, पासपोर्ट, वीजा जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज भी हासिल कर लिये हैं। इसी तरह की कुछ और गिरफ्तारियां जल्द हो सकती हैं। तीर्थस्थल पर बड़ी संख्या में अवैधरूप से रह रहे विदेशियों की जानकारी सुरक्षा एजेंसियों को मिल रही है।
पुलिस भी जुटी सरकारी कार्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार का लाभ उठाकर स्थानीय संरक्षणदाताओं के माध्यम से विदेशी घुसपैठिये कुछ हजार रुपये खर्च कर महत्वपूर्ण दस्तावेज हासिल करने में सफल हो रहे हैं। गणतंत्र दिवस से पहले सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सतर्क पुलिस और एजेंसियां लगातार इनके खिलाफ कार्यवाही कर रही हैं। धरपकड़ जारी है।
स्थानीय माड्यूल्स की पुलिस से सांठगांठ अवैध रूप से रह रहे विदेशियों को संरक्षण देने वालों की पुलिस के साथ भी सांठगांठ रहती है। यही वहज है कि लोग पुलिस सत्यापन भी आसानी से करा ले जाते हैं। जिसके आधार पर राशन कार्ड, सिम कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज हासिल कर लेते हैं।
बांग्लादेशी खुद को बताते हैं बंगाली अवैधरूप से रह रहे बांग्लादेशी खुद को बंगाल का बताते हैं। बंगाली भाषा बोलने के साथ ही कुछ अपने पास बंगाली भाषा में जारी आधार कार्ड रखते हैं। मथुरा में अवैधरूप से रहे रहे बांग्लादेशियों की एक दर्जन से अधिक बस्तियां हैं।
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