प्रातः काल श्रृंगार और ग्वाल 8:05 से 8:35 तक और राजभोग के दर्शन प्रातः 10:00 से 11:00 तक और सायंकाल भोग संध्या आरती के दर्शन 4:45 से 5:15 तक और शयन के दर्शन सांयकाल 6:00 से 7:00 तक रहेंगे। उन्होंने कहा की सभी धर्म प्रेमी जनता से अनुरोध है कि इस वैश्विक महामारी में सभी नियमों का पालन कर मास्क लगाकर आए। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और मंदिर के स्टाफ द्वारा थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइजर की जो व्यवस्था की गई है उस में सहयोग करते हुए दर्शन करें।