शिक्षामित्रों को यह फैसला नामंजूर
शिक्षामित्र संघ के जिला अध्यक्ष खेम सिंह चौधरी ने बताया कि कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षामित्रों को 10 हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय देने के फैसले पर मुहर लगाई है। यह फैसला शिक्षामित्रों को मंजूर नहीं है। सभी शिक्षामित्रों ने समान कार्य समान वेतन की मांग की है। खेम सिंह चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री हमें भरोसा दिलाते रहे कि वो हमारे साथ हैं। शिक्षामित्रों को शिक्षक बनाकर रहेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि यह विरोध तब तक चलता रहेगा जब तक शिक्षामित्रों की मांगे पूरी नहीं होंगी।
30 हजार रुपए वेतन की मांग
शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्य दुष्यंत सारस्वत ने कहा कि कमेटी को नजर अंदाज करते हुए लखनऊ में भी क्या दिल्ली में भी शिक्षामित्र धरना देगा। 10 हजार रुपए मानदेय देने का फैसला शिक्षामित्रों के पीठ में छुरा घोंपने जैसा है। उन्होंने कहा कि जब तक शिक्षामित्रों का वेतन 30 हजार रुपए नहीं होगा और शिक्षक नहीं बनाया जाएगा, विरोध जारी रहेगी। शिक्षामित्रों ने चेतावनी दी है कि जरूरत पड़ी तो वे लोग हाईवे जाम करेंगे और जेल भरो आंदोलन करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने समायोजन किया रद्द
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा समायोजन रद्द किए जाने के बाद से उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्र आंदोलनरत हैं। शिक्षामित्र वेतन बढ़ोतरी और सहायक शिक्षक बनाए जाने की मांग कर रहे हैं। इस मुद्दे पर योगी सरकार और शिक्षामित्रों के बीच कई बार बैठक हो चुकी हैं, लेकिन अभी तक मामला नहीं सुलझा है।