सपा-बसपा और कांग्रेस यहां तक कि क्षेत्रीय दल जो जातीय राजनीति के सिरमौर हैं, सभी को एक ही मास्टर स्ट्रोक में चारों खाने चित कर दिया। एससी एसटी कानून और राममंदिर के मुद्दे को लेकर सवर्णों की नाराजगी झेल रही बीजेपी को सभी दल चुनावी हथियार बनाकर उसे शिकस्त देने की फिराक में थे। पर बीजेपी समय रहते चेत गयी और पांच राज्यो के हुए चुनाव में जिस तरह से नोटा के इस्तेमाल और कांग्रेस की जीत के बाद उसे सवर्णों की नाराजगी का एहसास हो गया।
मऊ जिले में भी सरकार के इस फैसले पर लोगों की अपनी-अपनी राय है। सवर्ण इसे जहां मोदी सरकार की सराहना कर रहे हैं तो कुछ लोग इसे चुनाव जीतने के लिये लॉलीपॉप भी बता रहे हैं। रतनपुरा ब्लॉक के रहने वाले आलोक सिंह, बृजेश सिंह,नवीन पांडे, मोतीलाल सिंह , अवधेश सिंह ने दीनदयाल मिश्र ने सामान्य वर्ग के आरक्षण को लेकर सरकार की सराहना किया की और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सवर्णों का अंबेडकर बताया।
By Vijay Mishra