मऊ. योगी सरकार के दावे फेल होते नजर आ रहे हैं। यूपी के मऊ जिले के सरकारी स्कूलों में अभी तक किताबें नहीं बंटी हैं। इस जिले में कुल 1060 प्राथमिक विद्यालय और 442 उच्च प्राथमिक विद्यालय है। किताबें न मिलने से बच्चों को पढ़ाई करने में परेशानी हो रही है।
बतादें कि योगी सरकार के वादे में एक वादा प्राथमिक शिक्षा में सुधार करने का था। लेकिन यह दावा भी फेल होता दिख रहा है। यूपी के मऊ जिले के स्कूल की हालत भी बद्तर हो गई है। प्राथमिक स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों का कहना है कि शिक्षा सत्र के शुरु हुए तीन महीने का समय बीत गया है और उन्हें अभी तक नई किताबे नहीं मिली हैं। जिनसे उन्हें पढ़ाई में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
वहीं छठी कक्षा के छात्र का कहना है कि हमें छठवी, सातवीं और आठवी कक्षा को एक साथ पढ़ाया जाता है। जब स्कूल के टीचर से इस बात का जवाब मांगा गया तो उन्होंने बच्चों को ही दोषी करार दे दिया। कहा कि बच्चे रेगुलर स्कूल नहीं आते इसलिए मुझे सारी क्लास एक साथ लेनी पड़ती है।
ऐसे ही प्राथमिक विघालय घोसी तहसील क्षेत्र के हेमई प्राथमिक विघालय शिक्षा क्षेत्र बड़ागांव की स्थित बेहद खराब है यहां पर स्कूल में पढ़ाने वाले छात्रों और छात्राओं रीषभ, शिवम, राकेश लक्ष्मी व उनकी टीचर माधुरी से जनवरी फरवरी की स्पेलिगं तक सही से नहीं पता। यह टीचरों पर सवाल खड़ा करता है।
प्राथमिक विघालयो की स्थित के बारे में जब जिलाधिकारी रिषिरेन्द्र कुमार से सवाल किया तो उनका कहना था कि हमने इसके लिए टीमों का गठन किया है जो रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं । लेकिन जब सवाल किया कि सरकार का नारा पढेगा इन्डिया बढेगा इन्डिया लेकिन जब सरकारी स्कूलो में किताब ही नहीं पहुंची है तो उनका सवाल था एक दो दिन में किताबे आ जायेंगी। कहा कि स्कूलों की व्यवस्था पर सुधार किए जाने का प्रयास किया जा रहा है।