इस बारे में जिला कृषि अधिकारी मऊ सोमेश कुमार गुप्ता ने बताया कि सबसे पहले फसलों को पाले से बचाने के लिए उनकी सिंचाई कर देनी चाहिए। इससे फसलों को पाला नहीं लगता। परंतु यदि फसलों को पाला मार ही जाता है तो उसके लिए आप मुआवजे की मांग कर सकते हैं। परंतु उसके लिए फसल का 50 प्रतिशत नुकसान होना आवश्यक है। दूसरा तरीका यह है कि अगर आप अपनी फसल का बीमा कराए हैं तो भी आप फसल नष्ट होने पर मुआवजे की मांग कर सकते हैं। फसल बीमा में मुआवजा के लिए दावा करने पर उस पूरे ग्राम सभा के फसल उत्पादन का औसत निकाला जाता है। यदि फसल उत्पादन का औसत 50 प्रतिशत से कम होता तो किसानों को बैंक द्वारा मुआवजा दिया जाता है। फसल बीमा प्राप्त करने के लिए बहुत प्रमाण पत्रों की आवश्यकता नहीं पड़ती। किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले बैंक में खतौनी जमा करके किसान फसल बीमा के लिए आवेदन कर सकता है। दूसरा तरीका यह है कि किसान ने यदि किसान क्रेडिट कार्ड से उसी फसल के लिए लोन लिया है जो वह बोया है तो बीमा प्राप्त करने के लिए किसी प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
कृषि अधिकारी ने सभी किसानों से यह अपील की कि वो ज्यादा से ज्यादा संख्या में अपनी फसलों का बीमा करवाएं जिससे विपरीत मौसम में फसल नष्ट होने पर उनको फसल का उचित मुआवजा दिला कर आर्थिक नुकसान से बचाया जा सके।