मऊ. मऊ जिले में मुहर्रम पर एक अनोखी परम्परा कई वर्षों से लगातार चली आ रही है। परम्परा के अऩुसार शहर क्षेत्र में स्थित संस्कृत पाठशाला भवन की तीन सीढ़ियों के चढ़ाने के बाद ताजिया जुलूस को सफल माना जाता है। इस परम्परा को निभाने में प्रशासन को कड़ी मशक्कत करना पड़ता है। इसी परम्परा के मद्देनजर इसे सकुशल सम्पन्न कराने के लिए डीआईजी आजमगढ़ मनोज तिवारी ने नगर क्षेत्र का रूट मार्च किया। साथ ही ड्रोन कैमरे के माध्यम से संवेदनशील स्थलों में स्थित घरों का जायजा लिया।
बता दें कि संस्कृत पाठशाला स्थित तीन सीढ़ियों पर ताजिया चढने की वर्षों पुरानी परम्परा है। इस परम्परा के अनुसार जब ताजिया का जुलूस संस्कृत पाठशाला के पास पहुंचता है, तो उसे पाठशाला भवन की तीन सीढ़ियों पर चढ़ाकर उतारा जाता है। इसी वजह से यह स्थान काफी संवेदनशील हैं। यहां पर भारी संख्या में पुलिस बल, पीएससी और आरएएफ के जवानों की निगरानी में ताजियों को सीढ़ियों पर चढ़ाकर उतारा जाता है।
वहीं दूसरे समुदाय के लोगों की भी निगाहें इसी पर बनी रहती है, अगर गलती से भी चार बार हो गया तो मामला बिगड़ने की स्थिति में आ जाता है। अगर दो बार ही सीढ़ियां चढ़ी जाती है, तो भी मामला खराब हो सकता है। इसलिए प्रशासन पूरी मुश्तैदी के साथ इस परम्परा को सफल करने का हर वर्ष प्रयास करता है।
मोहर्रम का जायजा लेने के लिए पहुचे डीआईजी मनोज तिवारी ने बताया कि हम लोगों ने रुट मार्च निकाल कर लोगों से मोहर्रम शान्ति पूर्वक मनाने का अपील किया है। इसके अलावा ड्रोन कैमरे से छतों का जायजा लिया गया। जिन छतों पर ईट पत्थर आदि मिले है, उनसे हटवाने के आदेश दिये गये है। साथ ही शान्ति पूर्वक मिल जुल कर मोहर्रम का जुलूस निकालने की अपील किया गया है।
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