बता दें कि मऊ जिला अस्पताल में रविवार की रात में मोबाइल के टार्च की रोशनी से मरीजों का इलाज किया जा रहा था, स्वास्थ्यकर्मियों उसी रोशनी में इंजेक्शन लगा रहे थे, साथ ही साथ मलहम-पट्टी सहित तमाम इलाज करने के काम किए जा रहे थे। हालत यह है कि इमरजेन्सी वार्ड सहित जितने भी वार्ड हैं, सभी में मरीज अन्धेरे में रहने को मजबूर थे।
वहीं इस संबंध में जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि 24 घंटे की बिजली की व्यवस्था जिला अस्पताल में रहती है। कभी कभी लाइट कट जाती है, तो जेनरेटर स्टार्ट करने में समय लग जाता है। इसलिए उसी समय थोड़ी दिक्कत आती है, बाकी समय हमेशा लाइट की व्यवस्था जिला अस्पताल में रहती है।