मेरठ मेडिकल कालेज में इस समय 24 मरीज भर्ती हैं। इन मरीजों में दो को वेंटिलेटर पर और एक को आक्सीजन पर रखना पड़ा है। लेकिन ये मरीज वो हैं जो पहले से किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं या फिर जिनकी उम्र 60 से ऊपर हो चुकी है। डाक्टरों का कहना है कि कोरोना संक्रमण से कोई मरीज गंभीर नहीं है, बल्कि जिनको वेटिंलेटर या वाईपेप पर रखा इसकी वजह दूसरी बीमारियां हैं। कोविड वार्ड प्रभारी डा0 धीरज बालियान ने बताया कि इस बार दूसरी लहर की तरह कोविड वायरस सीधा फेफड़े पर हमला नहीं कर रहा। इस बार बेहतर बात ये है कि इसको फेफड़े में जाने से पहले ही रोका जा रहा है। जिससे मरीज ठीक हो रहे हैं और घर जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि करीब 95 प्रतिशत मरीज इस समय घर पर होम आइसोलेशन में अपना इलाज कर रहे हैं। जिन्हें अभी तक किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हुई है।
यह भी पढ़े : Corona Third Wave : पीएसी पर कोरोना का हमला, वेस्ट में तीसरी लहर ने पकड़ी रफ्तार डा.धीरज बालियान का कहना है कि ठंड के मौसम में सांस के मरीजों की हालात खराब होती है ऐसे में अगर उनको कोविड हो जाए तो इस संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है। कोविड संक्रमण की वजह से अस्पतालों में मरीजों की भर्ती इसलिए ही बढ़ी है। उन्होंने बताया कि इस बार संक्रमित मरीजों में से करीब 98 प्रतिशत मरीजों में आक्सीजन लेबल बेहतर रहा। जबकि वो गुर्दा, हार्ट, न्यूरो, लिवर या अन्य गंभीर बीमारियों के शिकार थे। उन्होंने बताया कि तीसरी लहर में कोरोना वायरस कमजोर हुआ है।
शनिवार को कुल 1061 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित मिले। इनमें 642 नए मरीज मिले और 419 मरीज कांटेक्ट ट्रेसिंग में संक्रमित पाए गए हैं। संक्रमितों में छात्र, स्वास्थ्य कर्मचारी, विभिन्न संगठनों के लोग व सफाई कर्मचारी शामिल हैं। 11 मरीजों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया। जिले में इस समय 7777 मरीज संक्रमित हैं। जिनका इलाज चल रहा है।