चंदा वसूली मामले को लेकर पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के निशाने पर भीम आर्मी
- पीएफआई से आर्थिक रिश्तों की ईडी ने शुरू की जांच
- एडीजी मेरठ राजीव सब्बरवाल कर रहे मॉनिटरिंग

पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क
मेरठ ( meerut news ) भीम आर्मी एक बार फिर से पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के निशाने पर आ गई है। ईडी ने भी जांच शुरू कर दी है जिससे भीम आर्मी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। भीम आर्मी और पीएफआई से आर्थिक लेनदेन के पुख्ता सबूत मिलने के बाद ईडी ने भीम आर्मी पर शिकंजा कस दिया है। चंदा वसूली के मामलों को लेकर भीम आर्मी पहले से ही एजेंसियों के निशाने पर है।
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पीएफआई के पकड़े गए सदस्यों और पदाधिकारियों से मिले पुख्ता सबूत के बाद ईडी ने अपनी जांच और आगे बढ़ा दी है। इस मामले में एडीजी मेरठ राजीव सब्बरवाल से भी मदद के लिए कहा गया है। एडीजी ने जोन के सभी जिलों के आलाधिकारियों को ईडी की मदद करने को कहा है एसएसपी को एलआईयू के माध्यम से अपने स्तर से भी जांच कराने के निर्देश दिए हैं। इसमें किस जिले में भीम आर्मी के पदाधिकारी सक्रिय हैं और उनका प्रोफाइल क्या है ? उनका भूत और वर्तमान क्या रहा है? इसकी भी जानकारी जुटाई जा रही है। मिले सबूतों के आधार पर पीएफआई और भीम आर्मी के बीच आर्थिक लेन-देने के मामले सामने आने के बाद पुलिस और उसकी सुरक्षा एजेंसियां भी चौंकन्ना हो गई है। हाथरस कांड से जुड़े मामलों में मथुरा, हाथरस व अलीगढ़ में दर्ज मुकदमों की जांच कर रही एसटीएफ भी इस सूचना को गंभीरता से ले रही है। ईडी की जांच के बाद पीएफआई से फंडिंग पाए जाने पर भीम आर्मी और उसके बड़े पदाधिकारियों पर कार्रवाई हो सकती है।
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पुलिस सूत्रों के अनुसार भीम आर्मी चंदा वसूली को लेकर पहले से आरोप लगते रहे हैं। पिछले दिनों मुजफ्फरनगर में तीन लोगों को चंदा वसूली करते गिरफ्तार भी किया गया था। सहारनपुर में भी ऐसे कुछ कार्यकर्ता पुलिस के रडार पर हैं। शामली जिले में भीम आर्मी के एक सक्रिय कार्यकर्ता पर फेसबुक के माध्यम से चंदा जुटाने का आरोप लगा था। चंदे के लिए उसने अपने एक साथी का पेटीएम व बैंक एकाउंट नंबर तक फेसबुक पर पोस्ट कर दिया था।
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