ये था मामला ?
बता दें कि मीवा कला गांव में गुर्जर समुदाय के जोगेन्द्र और दलित समुदाय के सुशील के घर आमने-सामने हैं। सुशील के अनुसार उसकी गाड़ी जोगेन्द्र के घर के सामने खड़ी थी और इसी बात को लेकर दोनों पक्षों में कहासुनी हुई और फिर मारपीट होने लगी। जोगेन्द्र थाने में शिकायत करने गया था इसी बीच दलित समाज के लोगों ने उसके घर पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया। यही नहीं उसकी गर्भवती पत्नी और पडोस में रहने वाली महिला को भी दबंगों ने जमकर पीटा। इसी बीच गुर्जर समाज के लोग बचाव में आए तो दोनों पक्षों की ओर से जमकर फायरिंग हुई। इस दौरान घटना में तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
34 साल पहले भी हो चुका है दोनों पक्षों में खूनी संघर्ष
बता दें कि इससे पहले 1984 में भी इन दोनों समाजों में पट्टे की जमीन को लेकर दोनों के बीच खूनी संघर्ष हो चुका है। इसमें दलित समाज की ओर से एक व्यक्ति की गोली लगने से मौत हो गई थी। तभी से यह चिंगारी सुलग रही है। उस घटना के बाद भी दलित समाज के लोगों का गांव से पलायन हुआ था। आज एक बार फिर इस घटना से दलित समाज में दहशत फैल गई है।
एसडीएम ने दिया जांच का भरोसा
उधर इस पूरे मामले को लेकर एसडीएम मवाना अंकुर श्रीवास्तव ने बताया कि पूरे केस की जांच की जा रही है। आरोपियों की पकड़ के लिए दबिश दी जा रही है। हालांकि एहतियात के तौर पर गांव में पुलिस तैनात कर दी गई है।