दरअसल, मेरठ के सामाजिक कार्यकर्ता अभिषेक सोम ने इस संबंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। एक्टिविस्ट का कहना था कि बदन सिंह बद्दो फरार होने के बाद से सोशल मीडिया पर अपना स्टेट्स लगातार अपडेट रखता है। फेसबुक पर भी पोस्ट डालता रहता है। उसकी गिरफ्तारी का कोई प्रयास नहीं किया गया है। दो नवंबर को उप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस गोविंद माथुर व जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा की बेंच ने इस याचिका पर सुनवाई की।
स्टैंडिंग काउंसिल की ओर से बताया गया कि बद्दो की गिरफ्तारी के लिए स्पेशल टास्क फोर्स गठित की जा चुकी है। हाईकोर्ट ने सभी तथ्यों को देखते हुए कहा कि उन सभी प्रयासों को जानना जरूरी है जो इनामी बदमाश की गिरफ्तारी करने के लिए अब तक हुए हैं। इसलिए प्रमुख सचिव (गृह) यह बताएं कि अपराधी की गिरफ्तारी के लिए अब तक क्या-क्या प्रयास किए गए हैं। हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव को 23 नवंबर को अपना शपथ पत्र दाखिल करने का भी आदेश दिया है।
ऐसे फरार हुआ था शातिर अपराधी गौरतलब है कि टॉप-टेन माफिया में नंबर वन पर लिस्टेड बदन सिंह बद्दो मेरठ में पंजाबीपुरा का रहने वाला है। हत्या के एक मामले में उसे आवाजीन कारावास हो चुकी है। 28 मार्च 2019 को वह फतेहगढ़ सेंट्रल जेल से गाजियाबाद कोर्ट में पेशी पर आया था। इस दौरान पुलिसवालों को साठगांठ कर मेरठ ले आया और होटल मुकुट महल से फरार हो गया। तब से आज तक उसका कुछ पता नहीं चला है।