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बुध की दशा परिवर्तन से इन राशि के लोगों को होने जा रहा भरपूर लाभ, इन्हें रहना होगा अतिरिक्त सतर्क पोलियो उन्मूलन अभियान को लगा झटका बताते चलें कि पी-2 टाइप वैक्सीन को बायोमेड कंपनी स्वास्थ्य विभाग को सप्लाई देती है। एक यही कंपनी है जो स्वास्थ्य विभाग को इस टाइप के पोलियो वैक्सीन की सप्लाई करती आ रही है। अन्य कंपनियों की वैक्सीन नहीं होने से नवजात बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई। बच्चों को पी-2 टाइप की पोलियो वैक्सीन नहीं पिलाई जा रही। इससे पोलियो उन्मूलन अभियान को भी झटका लगा है।
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पाॅलीथिन पर प्रतिबंध के बाद यूपी के इस शहर में एटीएम में रुपये डालने पर मिलेगी सेहत की यह लाभकारी चीज! टाइप-टू वायरस मिलने से मचा हड़कंप बायोमेड कंपनी की ओरल पोलियो वैक्सीन में टाइप-टू वायरस मिला था। पोलियो वैक्सीन में ही टाइप-टू वायरस मिलने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। इसके बाद पूरे प्रदेश में अलर्ट जारी कर बच्चों को यह वैक्सीन पिलाने पर रोक लगा दी गई। हालांकि परिवार कल्याण महानिदेशक डा. नीना गुप्ता की ओर से जारी इस आदेश में वैक्सीन पिलाने पर रोक लगाने की वजह नहीं बताई गई है, लेकिन महानिदेशक के आदेश के बाद जिलों से वैक्सीन को वापस मंगा लिया गया है।
बच्चों में मिले लक्षण तो जांच में पाया वायरस स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार यह वैक्सीन यूपी के सभी जिलों में सप्लाई की गई थी। हाल ही में इस पोलियो वैक्सीन में टाइप-टू वायरस मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग में नीचे से ऊपर तक खलबली मच गई। प्रदेश के लखनऊ, गाजीपुर, अलीगढ़, हाथरस, देवबंद, मुरादाबाद आदि शहरों में कुछ बच्चों के मल में इसके वायरस के प्रारंभिक लक्षण मिलने के बाद जांच की गई तो पता चला कि पोलियो वैक्सीन के जरिए यह वायरस उनमें पहुंचे हैं। इसके बाद परिवार कल्याण महानिदेशक की ओर से पूरे प्रदेश में अलर्ट जारी कर इस वैक्सीन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है।
कंपनी के खिलाफ दर्ज एफआईआर पोलियो वैक्सीनेशन कार्यक्रम के लिए बायोमेड समेत पांच कंपनियां दवा सप्लाई करती है। बायोमेड की बनाई ओरल वैक्सीन में टाइप-टू पोलियो वायरस पाया गया। जांच में स्पष्ट हो गया कि वैक्सीन से ही इन बच्चों में यह वायरस पहुंचा है। उसके बाद बायोमेड के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी गई।
बोले अधिकारी मेरठ के जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. विश्वास चौधरी ने बताया कि पी-2 टाइप की पोलियो वैक्सीन न पिलाने के आदेश ऊपर से ही आए हैं। वैसे भी मेरठ और इसके आसपास के क्षेत्र में पी-2 टाइप का पोलियो वायरस पूर्णरूप से खत्म हो गया है, लेकिन फिर भी कभी-कभी किसी वैक्सीनेशन चक्र में इसको रिपीट किया जाता है। इस बार ऊपर से ही इसकी वैक्सीन को बच्चों को न पिलाने के आदेश आए हैं। आदेश में यह स्पष्ट नहीं है कि क्यों नहीं पिलाई जाए।