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पढ़ेंः गार्ड की होशियारी से टोल प्लाजा पर लाखों रुपये लुटने से बचे, जानिए यह कैसे हुआ बता दें कि तेल का खेल आरोपी संजय गुप्ता करीब दो दशकों से खेल रहा है। पुलिस से लेकर डीएसओ कार्यालय तक सेटिंग के चलते वह आज तक बचता रहा, लेकिन जब उसका खेल उजागर हुआ तो पूरी कड़ी खुलती चली गई। रतिराम खूबचंद फर्म का जो पेट्रोल पंप है वह वक्फ बोर्ड की जमीन पर बना हुआ है। इसके खिलाफ वर्ष 1998 में शिकायत की गई थी, लेकिन एक बडे़ राजनीतिक नेता के संरक्षण के चलते पूरी जांच दबा दी गई थी। आरोपी संजय गुप्ता के तेल गोदाम से ही 70 हजार लीटर केरोसिन जमीन के भीतर से बरामद हुआ था। जिसको प्रशासन की टीम ने बरामद किया था। जबकि पुलिस और डीएसओ की टीम पीछे रह गई थी।
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सीएम योगी के आदेश पर अफसरों ने की कड़ी कार्रवाई तो तेल माफियाओं को आ गया पसीना, देखें वीडियो संजय गुप्ता डीजल में केरोसिन मिलाकर पेट्रोल पंप पर बेच रहा था। जिससे आम जनता को नुकसान हो रहा था। ये केरोसिन तेल ब्लैक में राशन डीलरों से खरीदा जाता था। उन राशन डीलरों का भी पता लगाया जा रहा है जो संजय को तेल बेचा करते थे। संजय गुप्ता के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। वह कभी भी गिरफ्तार हो सकता है। वहीं संजय गुप्ता अभी से अपने बचाव के लिए कानूनी सलाहकारों की शरण में है।