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मेरठ

घर में इन पौधों को लगाएंगे तो डेंगू, मलेरिया समेत कर्इ बीमारियों से मिल जाएगा छुटकारा

इन पौधों के गमले बालकनी में रखने से मिलेगा लाभ

मेरठSep 05, 2018 / 01:59 pm

sanjay sharma

meerut

घर में इन पौधों को लगाएंगे तो डेंगू, मलेरिया समेत कर्इ बीमारियों से मिल जाएगा छुटकारा

मेरठ। मानसून के साथ ही मच्छर भी आफत बरसाना शुरू कर देते हैं। घर में तमाम इंतजाम कर लें, लेकिन उसके बाद भी मच्छर पीछा नहीं छोड़ते। घर के किसी न किसी कोने से निकल ही आते हैं। मच्छर खुद तो आते ही अपने साथ लेकर आते हैं बीमारियों का पुलिंदा। बीमारी भी ऐसी कि जो जल्द पीछा छोड़ने वाली नहीं। इन बीमारियों में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और वायरल शामिल हैं। अगर आपको मच्छरों से पीछा छुड़वाना है तो अपने घर में चंद पौधों को गमलों में लगाकर अपनी बालकनी में रखना होगा। फिर क्या मजाल है कि मच्छरों की जो आपके घर के आसपास भी फटक जाए। आयुर्वेदाचार्य डा. ब्रजभूषण शर्मा के अनुसार बरसात में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मच्छर का आतंक सबसे ज्यादा होता है। अगर आपके साथ भी कुछ ऐसा ही होता है तो टेंशन छोड़ इनसे निपटने के लिए घर की बालकनी में कुछ पौधे गमले में लगा दें तो फिर मच्छर आपके घर के आसपास भी नहीं फटकेंगे। ये पौधे आपको इन मच्छरों से दूर रखने के साथ ही आपको स्वस्थ्य भी रखेंगे। जिन पौधों के बारे में बताया जा रहा है वह मॉस्किटो रिप्लीयन्ट होते हैं। मच्छर इन पौधों की गंध से दूर भागते हैं।
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रोजमेरी

रोजमेरी अपने आप में एक प्राकृतिक मॉस्किटो रिप्लीयन्ट है। रोजमेरी के पौधे 4-5 फीट ऊंचे होते हैं और इनके फूलों का रंग नीला होता है। मच्छरों से बचने के लिए रोजमेरी पौधे की चार-पांच पत्तियों को तोड़कर उसका रख निकालकर एक चौथाई जैतून के तेल के साथ मिलकर लगाने से भी मच्छर भाग जाते हैं।
सिट्रोनेला ग्रास

सिट्रोनेला ग्रास मच्छरों को भगाने का सबसे अच्छा तरीका है। यह घास दो मीटर की ऊचाई तक बढ़ती है और इसके फूलों का रंग लॅवेंडर (बैंगनी) होता है। इस घास से निकलने वाला सिट्रोनेला ऑयल मोमबत्तियों, परफ्यूम्स, लैम्प्स आदि हर्बल प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल किया जाता है। सबसे अच्छी बात यह है कि सिट्रोनेला घास डेंगू पैदा करने वाले एडीज एजिप्टी मच्छरों को भी आपसे दूर रखने में मदद करती है।
गेंदा का पौधा

गेंदें के फूलों में पाई जाने वाली गंध मक्खी-मच्छरों को पसंद नहीं होती है। ये पौधे छह इंच से पांच फीट तक बढ़ते हैं। गेंदें के पौधे भारतीय, अफ्रीकन और फ्रेंच टाइप के होते हैं। ये दोनों ही मॉस्किटो रिप्लीयन्ट हैं। गेंदे के फूल पीले से डार्क ऑरेंज और लाल रंग के होते हैं। जिनकी गंध मच्छरों को परेशान कर देती है। जिससे मच्छर इसके आसपास नहीं आते।
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तुलसी का पौधा

तुलती का पौध एक आयुर्वेदिक औषधि के साथ ही अच्छा मॉस्किटो रिप्लीयन्ट है। तुलसी एक ऐसी जड़ी बूटी है जो कि अपने आप ही अपनी खुशबू फैलाती है। मच्छरों को दूर रखने के लिए तुलसी को गमले में उगाकर बालकनी में रखें। फिर देखें इसका कमाल।
लैवेंडर का पौधा

मच्छरों को दूर रखने के लिए लैवेंडर सबसे शानदार पौधा है। लवेंडर आसानी से उग जाता है और इसे ज्यादा देखभाल की जरूरत भी नहीं पड़ती है। यह पौधा चार फीट तक उगता है। केमिकल फ्री मॉस्किटो सोल्यूशन बनाने के लिए लैवेंडर ऑयल को पानी में मिलाकर सीधे स्किन पर लगा सकते हैं।

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