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मेरठ

कांग्रेस नेता बताकर सिर्फ तीन लाख में डाॅक्टर-इंजीनियर बना देता था, इस गिरोह के तार जुड़े थे इन सात राज्यों से

एनएसयूआर्इ के पूर्व सचिव समेत पांच गिरफ्तार, गिरोह का सरगना अभी पुलिस पकड़ से बाहर
 

मेरठJul 20, 2018 / 08:40 am

sanjay sharma

meerut

सिर्फ तीन लाख में डाॅक्टर, इंजीनियर बना देता था यह गिरोह, सात राज्यों से जुड़े थे तार

मेरठ। एनएसयूआर्इ के पूर्व सचिव ने कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर फर्जी मार्कशीट और डिग्री देने का अवैध कारोबार कर रखा था। जिसमें वह डिग्री देने के नाम पर मुंहमागी रकम वसूल करता था। उसके साथ इस कार्य में छह लोग लगे हुए थे। इस गिरोह के तार सात राज्यों से जुड़े हुए थे। पुलिस ने एनएसयूआर्इ के पूर्व सचिव समेत पांच लोगाें को गिरफ्तार किया है, जबकि गिरोह का सरगना पकड़ से दूर है।
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एनएसयूआर्इ के पूर्व सचिव समेत पांच गिरफ्तार

कंकरखेड़ा पुलिस ने फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गिरोह का खुलासा करते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों में एक एनएसयूआर्इ का पूर्व सचिव है। बताया जाता है। एसएसपी राजेश कुमार पांडेय और एसपी सिटी रणविजय सिंह ने पत्रकार वार्ता करते हुए बताया कि एक सूचना पर कार्रवाई करते हुए इंस्पेक्टर कंकरखेड़ा दीपक शर्मा की टीम ने शोभापुर फ्लाईओवर से एसयूवी कार सवार पांच लोगों को गिरफ्तार किया। आरोपियों के नाम उमाशंकर पुत्र धर्मपाल निवासी नारायणदास गार्डन रोहटा रोड, अजय पुत्र हरिराम निवासी इन्द्रानगर, सलमान पुत्र सईद निवासी खड़ौली, अनिल पुत्र नानकचंद और राजेश पुत्र राकेश कविनगर हैं।
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कांग्रेसी नेता बताकर करता था रौब गालिब

उमाशंकर खुद को कांग्रेस नेता होने का दावा कर लोगाें पर रौब जमाता था। आरोपियों के कब्जे से पांच मोबाइल, लेपटाॅप, दो प्रिंटर और भारी संख्या में विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रिटेंड व ब्लैंक फर्जी मार्कशीट बरामद हुई हैं। आरोपियों का सरगना रूपसिंह वर्मा पुत्र श्यामलाल निवासी कविनगर फरार है, जिसकी तलांश जारी है। पुलिस के मुताबिक पकड़े गए गिरोह के तार यूपी सहित देश के सात प्रदेशों से जुड़े हैं।
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जैसी डिग्री वैसा रेट तय करते थे

यह गिरोह झारखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हिमचाल प्रदेश, पंजाब की अलग-अलग शिक्षण संस्थाओं की फर्जी मार्कशीट बनाकर बेचता था। आरोपी दसवीं से लेकर इंजिनियरिंग और डाॅक्टरी तक की फर्जी डिग्री और डिप्लोमा बनाने का काम करते थे। जिसकी एवज में बीस हजार से तीन लाख तक की वसूली करते थे। आरोपी एमबीबीएस की डिग्री के तीन लाख और बीटेक डिग्री के तीन लाख रूपये डिग्री और मार्कशीट के लेते थे। बीएड की डिग्री के लिए आरोपी 80 हजार रूपये, हाईस्कूल और इंटर की मार्कशीट और प्रमाणपत्र के लिए 10 हजार रूपये का रेट तय किया हुआ था। इसके अलावा एमबीए की डिग्री डेढ लाख और एमटेक की डिग्री दो लाख में देते थे। आरोपियों को जेल भेजा जा रहा है। कांग्रेस प्रवक्ता अभिमन्यु त्यागी ने बताया कि इस नाम का कोई कांग्रेस नेता नहीं है। यह सब पार्टी को बदनाम करने की साजिश कर रहे हैं। ऐसे लोगों का पार्टी से कोई सरोकार नहीं है।

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