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VIDEO: देहात में संचारी रोगों की रोकथाम का जिम्मा इन महिलाओं के हाथ याकूब कुरैशी के अवैध मीट प्लांट को सील करने के लिए 12 फरवरी की तारीख निर्धारित की गई थी। कोर्ट और शासन के आदेश के बाद मीट प्लांट को सील करने की कार्रवाई को अंजाम दिया जाना था, लेकिन प्रशासन ने याकूब के मीट प्लांट पर सेटिंग की सील लगा दी। बता दें कि तय कार्यक्रम के अनुसार पुलिस, पीएसी, प्रशासन और प्राधिकरण की टीम याकूब कुरैशी के मीट प्लांट पर सील लगाने के लिए पहुंची। घटना को कवर करने के लिए मौके पर पहुंची मीडिया को मीट प्लांट के अंदर नहीं घुसने दिया गया। वहीं प्रशासन ने प्राधिकरण की टीम के साथ मिलकर मीट प्लांट की मशीनों को सील कर दिया। याकूब ने कार्रवाई से बचने के लिए बसपा का कार्यकर्ता सम्मेलन अपनी ही फैक्ट्री में रखवा दिया। कार्यकर्ताओं की भीड़ के आगे प्रशासन दिखावे के लिए नतमस्तक हो गया। जिसके बाद केवल मशीनों को सील करके टीम बाहर आ गई।
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Weather Update: मौसम में आया बदलाव, पश्चिमी विक्षोभ बनने से इन तीन दिनों में होगी झमाझम बारिश आैर पड़ेंगे आेले मीट फैक्ट्री खुद ही बंद कर देने का दावा प्रशासनिक अधिकारियों की मानें तो याकूब कुरैशी के बेटे और फैक्ट्री के मालिक इमरान याकूब ने हलफनामा दिया है कि वह अपनी फैक्ट्री खुद ही बंद कर देंगे। याकूब कुरैशी के कागजी हलफनामे को आधार मानकर प्रशासन की कार्रवाई पर ब्रेक लग गया और टीम वापस लौट गई। बड़ा सवाल यही है कि अगर फैक्ट्री में सील लगाई जानी थी तो फैक्ट्री में सम्मेलन की अनुमति कैसे दे दी गई।
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VIDEO: दिल्ली-देहरादून हाइवे पर लगा कई किलोमीटर लंबा जाम बिना अनुमति चला बसपा का सम्मेलन अगर बिना अनुमति के सम्मेलन चल रहा था, तो उस पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई। आपको बता दें कि याकूब कुरैशी बसपा के लोकसभा प्रभारी हैं। माना जा रहा है कि गठबंधन के टिकट पर याकूब कुरैशी मेरठ हापुड़ लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे। कोर्ट में हार जाने के बावजूद याकूब कुरैशी पर प्रशासन की रहमदिली के लोग अब कई मायने निकाल रहे हैं।