35 करोड़ की किताबें पकड़े जाने पर बोले अखिलेश- ‘ईमानदारी का चोगा पहने लोगों का सच आया सामने’
इस बार मूर्तिकारों पर कोरोना संक्रमण की मार पड़ी और इस बार मात्र 15 फीसदी ही गणेश मूर्तियों की बिक्री हुई। हालात ये रहे कि जिस प्रत्येक वर्ष गणेश चतुर्थी से एक सप्ताह पहले मूर्तिबाजार सज जाता था लेकिन इस बार मूर्ति बाजार तो सजा था लेकिन गणेश भक्तों की वो भीड़ नहीं दिखाई दी जो कि प्रतिवर्ष होती थी।Weather Update: इन जिलों जारी रहेगा बारिश का दौर, जानें अपने शहर के मौसम का हाल
शनिवार आज गणेश चतुर्थी ( Ganesh chaturthi news ) पर साप्ताहिक लॉकडाउन लगा हुआ है लेकिन इससे पहले से ही मूर्तिकारों के यहां सन्नाटा पसरा हुआ रहा। कोरोना का असर गणेश चतुर्थी पर भी साफ देखने को मिल रहा है। पिछले वर्ष के मुकाबले प्रतिमाओं की बिक्री न के बराबर हो रही है। गणेश पंडाल सजाने की अनुमति न मिलने के चलते अधिकाश पूजा समिति ऑनलाइन दर्शन कराने की तैयारी में जुटी है। मूर्तिकारों का कहना है कि इस वर्ष भगवान गणेश की मूर्ति की ब्रिकी का काम-धंधा चौपट है। एक सप्ताह पहले से ही मेरठ में गणेश उत्सव की पूरी धूम रहती थी लेकिन कोरोना के चलते गणेश के भक्त गायब हैं।इस बार कोरोना संक्रमण के चलते मेरठ में केवल मिट्टी निर्मित मूर्ति तैयार की गई हैं। ये पूरी तरह से पर्यावरण अनुकूल हैं। इन्हें घर पर भी विसर्जित कर सकते हैं। गुरुद्वारा रोड में मूर्ति बिक्री करने वाले विजय ने बताया कि कोरोना का असर भगवान गणेश की मूर्ति की बिक्री पर साफ तौर पर देखने को मिल रहा है। पिछले वर्ष करीब 1500 मूर्तियों का ऑर्डर मिला था। इस बार अब तक 50 मूर्तियों का ही ऑर्डर मिला है। बता दें कि कोरोना संक्रमण फैलने के खतरे के मद्देनजर सरकार ने गणेश चतुर्थी पंडाल सजाने और मूर्ति विसर्जन पर रोक लगा दी है।