असम पुलिस 14 अप्रैल को अकबर व सलमान को मेरठ से बी-वारंट पर ले गई थी। असम पुलिस का दावा है कि उग्रवादियों के हमले में मारे जाने से पहले दोनों भाइयों से अहम जानकारी मिली थी। असम पुलिस का दावा है कि अकबर बंजारा के नेटवर्क का लिंक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से था। गो-तस्करी से कमाई गई अकूत धन संपत्ति आईएसआई और कुछ चरमपंथी संगठनों को दी गई थी।
यह भी पढ़े : Gotskar Akbar Banjara Encounter : विकास दुबे एनकाउंटर की तर्ज पर असम पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराए इनामी गोतस्कर सगे भाई बुधवार को सुरक्षा एजेंसियों ने फलावदा पुलिस से अकबर बंजारा और उसके परिवार की पूरी जानकारी ली। अकबर बंजारा करीब सात साल से अवैध तरीके से गोमांस की तस्करी करता था। पुलिस के अनुसार असम में रेड्डी गैंग से उसके संबंध होने के बाद उसका नेटवर्क विदेशों तक फैल गया था। एसपी देहात केशव कुमार ने बताया है कि मेरठ में गिरफ्तारी के दौरान अकबर बंजारा और उसके दोनों भाई सलमान, शमीम से छह मोबाइल बरामद हुए थे। आईएसआई कनेक्शन और टेरर फंडिंग की जांच गंभीरतस से की जा रही है।