मेरठ। आज 29 दिसंबर को सरकार और किसान संगठनों के बीच कृषि विधेयक केा लेकर वार्ता होगी। इस वार्ता पर आज सभी की नजरें हैं। आज की वार्ता से ही आगे की रणनीति तय की जाएगी। विधेयक वापस लिया जाएगा या फिर उसमें कुछ बदलाव होंगे यह आज शाम तक निश्चित हो जाएंगा। लेकिन किसान संगठनों और सरकार के बीच इस वार्ता से पहले पुलिस प्रशासन अलर्ट हो गया है। यूपी-दिल्ली बॉर्डर पर धरनारत किसानों का जमावाड़ा आज सुबह से ही शुरू है। जिसको लेकर पुलिस, प्रशासन अलर्ट हो गई है।
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यूपी गेट पर गुस्साए किसानों ने निकाली प्रधानमंत्री के पुतले की शवयात्रा दरअसल, एडीजी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से लगातार बैठकें जारी है। जिसमें फैसला लिया जाएगा कि अब आगे क्या करना है। पश्चिमी यूपी के जनपदों से बड़ी संख्या में किसान यूपी गेट में पहुंच सकते हैं। इसे लेकर अलर्ट जारी किया गया है। किसानों को गांवों में रोकने-नजरबंद करने की तैयारी है। भारतीय किसान यूनियन के मेरठ मंडल महामंत्री नरेश चौधरी के अनुसार किसान पिछले एक माह से धरनारत हैं। आगे का फैसला लेने के लिए बैठक होने वाली है। भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने गांव-गांव से किसानों को आमंत्रित किया है, ताकि सबकी मौजूदगी में ठोस फैसला हो सके। उन्होंने बताया कि मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत, हापुड़, बुलंदशहर समेत पूरे पश्चिमी यूपी से बड़ी संख्या में किसान महापंचायत में आएंगे। यह भी देखें: नोएडा-दिल्ली बॉर्डर पर थाली और ताली पीटकर किसानों ने जताया विरोध एडीजी ने किसान मूवमेंट पर की चर्चा मेरठ जनपद के नोडल अधिकारी एवं एडीजी राजीव सबरवाल ने पुलिस लाइन में एसएसपी सहित सभी एडिशनल एसपी के साथ बैठक की। किसान आंदोलन पर विस्तृत चर्चा हुई। दिल्ली जाने वाले किसानों को लेकर भी मंथन हुआ। सूत्रों ने बताया कि पुलिस अफसर मंगलवार को कई गांवों का दौरा करेंगे। प्रमुख किसान नेताओं से बात करेंगे। कोशिश करेंगे कि किसान दिल्ली का रुख न करें। कुछ प्रमुख किसानों को घरों में ही नजरबंद करने की तैयारी है।