गाजियाबाद ( ghazibad ) के यूपी गेट (UP Gate Ghaziabad ) पर कृषि कानून को वापस लिए जाने की मांग को लेकर एक महीने से भी ज्यादा समय से बड़ी संख्या में किसान धरने पर बैठे हुए हैं। सरकार और किसानों के बीच समन्वय बनाए जाने के उद्देश्य से ना जाने कितनी बार वार्ता हो चुकी हैं लेकिन उसका कोई हल नहीं निकल पाया है। एक तरफ किसान कृषि कानून को वापस लेने की जिद पर अड़े हुए हैं तो वहीं सरकार के द्वारा साफ तौर पर कहा गया है कि कानून के अंदर कुछ संशोधन किया जा सकता है लेकिन कानून वापस नहीं होगा। इस तरह तमाम जद्दोजहद के बीच किसान लगातार उग्र होते नजर आ रहे हैं जिसके चलते सोमवार को सुबह से ही उग्र तेवर में नजर आए और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शव यात्रा निकालकर विरोध प्रकट किया। इस दाैरान मौजूद सुरक्षा बलों ने कई घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद किसानों को शांत किया।
पिछले कई दिनों से यहां धरना देकर बैठे हुए ( kisan protest ) किसानों का सब्र अब टूटता जा रहा है। किसानों में आक्रोश बढ़ रहा है। वेस्ट यूपी से किसानों का काफिला एक बार फिर यूपी गेट की ओर चल दिया है। अलग-अलग रास्तों से किसान यूपी गेट की ओर बढ़ रहे हैं। प्रशासन इन्हें रोकने की कोशिश कर रहा है लेकिन किसानों के कदम अब रुकने वाले नहीं हैं। किसानों को अब होने वाली सरकार के साथ बातचीत का इंतजार है। किसानों का कहना है कि अगर इस बार भी बात नहीं बनती तो वह दिल्ली की ओर कूच करेंगे। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव राकेश टिकैत पहले ही कह चुके हैं कि इस बार 26 जनवरी को लाल किले पर ट्रैक्टर की झांकियां भी निकाली जाएंगी।