मेरठ

‘शराब’ पीने से हुई किसी की मौत तो बेचने वाले को मिलेगी आजीवन कारावास की सजा

मिथाइल अल्कोहल को आबकारी विभाग ने घोषित किया जहर। अवैध शराब के कारोबार को रोकने के लिए बनाया ये मास्टर स्ट्रोक प्लान। अब जिलाधिकारी जारी करेंगे मिथाइल अल्कोहल का परमिट।

मेरठJun 09, 2021 / 10:59 am

Rahul Chauhan

मेरठ। अवैध और जहरीली शराब को रोकने के लिए योगी सरकार अब काफी सख्ती के मूड में है। इसकी पहली कड़ी में आबकारी विभाग ने अब मिथाइल अल्कोहल को जहर घोषित कर दिया है। यानी मिथाइल अल्कोहल से अब कोई मौत होती है तो दोषी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज होगा। इसके अलावा मिथाइल अल्कोहल के कब्जे और बिक्री के लिए लाइसेंस व परमिट जारी करने का फैसला किया गया है। इसका लाइसेंस जिलाधिकारी द्वारा जारी किया जाएगा। लाइसेंस की जांच का अधिकार मजिस्ट्रेट के अलावा पुलिस चिकित्साधिकारी, आबकारी अधिकारियों को होगा।
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इसके लिए जिला स्तर पर तीन सदस्यों की नोडल समिति का गठन किया जाएगा। समिति में अपर पुलिस अधीक्षक सदस्य व जिला आबकारी अधिकारी संयोजक के रूप में होंगे। यदि मिथाइल अल्कोहल के उत्पादन के लिए बिना लाइसेंस के कोई कारोबार करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। टैंक व कंटेनरों पर स्पष्ट रूप से मिथाइल अल्कोहल अंकित किया जाएगा। टैंकरों में विषैला पदार्थ लिखने का निर्देश दिया गया है।
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अजीवन कारावास और 10 लाख का जुर्माना

अगर कहीं नशीले पदार्थ का अवैध निर्माण हो रहा है। तो उस क्षेत्र का लेखपाल या चौकीदार उसकी सूचना मजिस्ट्रेट या आबकारी विभाग, पुलिस, राजस्व विभाग के किसी अधिकारी को तुरंत देगा। अगर हानिकारक पदार्थ बेचता है और उसके सेवन से किसी की मृत्यु होती है तो संबंधित व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा तथा 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
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