मेरठ

फर्जी बिल जारी कर सरकार को लगाया 3500 करोड़ का चूना, 11 जगह छापेमारी, 8 हिरासत में

Highlights:
— फर्जी कंपनी के 8 लोग गिरफ्तार 2:50 करोड़ की नकदी बरामद — 200 करोड की फर्जी इनवाइस जारी कर चुके शातिर — मेरठ और गाजियाबाद सहित 11 जगहों पर छापेमारी

मेरठMar 06, 2021 / 01:54 pm

Rahul Chauhan

Govt relaxes several compliance timelines under GST

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
मेरठ। फर्जी कंपनियों के खिलाफ चल रहे सीजीएसटी अभियान के तहत 3500 करोड़ रुपये से अधिक फर्जी बिलिंग का मामला पकड़ा गया है। जिसमें करीब 200 करोड रुपये की इनवाइस जारी कर दी गई है। विभाग ने इस मामले में मेरठ और गाजियाबाद में 11 जगहों पर छापेमारी करते हुए 8 लोगों को हिरासत में लिया है। पकड़े गए लोगों से 2.50 करोड़ रुपये की नकदी बरामद की जा चुकी है। पिछले एक साल में 34.5 करोड़ से अधिक की जीएसटी सरकारी खाते में जमा कराई जा चुकी है। छापेमारी में 42 करोड़ रुपये की हेराफेरी पकड़ी गई है।
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जानकारी के अनुसार फर्जी फर्मो के सिंडिकेट का मास्टर माइंड विकास जैन है। जिसने फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट जारी कर भवन निर्माण आदि से संबंधित 200 करोड़ की फर्जी इनवाइस जारी की थी। आरोपी विकास मेरठ में 30 से ज्यादा रजिस्टर्ड फर्म चला रहा था। छापा मारकर इन फर्मों से संबंधित अहम दस्तावेज, जारी इनवाइस, फर्जी फर्म से संबंधित चेकबुक और करीब 2.23 करोड़ रुपये बरामद किए गए। आरोपी विकास को तीन फरवरी 2021 को आर्थिक अपराध न्यायालय मेरठ में पेश किया गया था। वह अभी तक न्यायिक हिरासत में है।
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विकास जैन की फर्जी फर्मों की मदद से आईटीसी का सर्वाधिक लाभ लेने वाली एक कंपनी के प्रबंध निदेशक के बयान दर्ज किए गए। इस कंपनी द्वारा 25.53 करोड़ रुपये का फर्जी आईटीसी का लाभ लिया गया। उक्त कंपनी के प्रबंध निदेशक को चार मार्च 2021 को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया। अदालत की कार्यवाही के दौरान प्रबंध निदेशक ने फर्जी आईटीसी का लाभ उठाना स्वीकार कर सरकारी खाते में 25.53 करोड़ रुपये जमा कराए।
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