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ढाबे में हुई थी मुलाकात हरजीत ने बताया कि उसकी और दोनों बदमाशों की मुलाकात मेरठ में खाना खाने के दौरान एक ढाबे में हुई थी। जहां पर बदमाशों ने बताया कि वे लोग यहां पर पढ़ाई करने के लिए आए हुए हैं और उनको वेदव्यासपुरी से कमरा खाली करना है। अभी कहीं कमरा मिल नहीं रहा। हरजीत ने अपनी जान पहचान पर ही बदमाशों को गंगानगर में कमरा दिलवाया था। पहचान पत्र की जरूरत पड़ने पर हरजीत ने अपना वोटर आईकार्ड दिया था।
यह भी पढ़ेंः बढ़ते अपराधों पर लेडी सिंघम हुर्इ सख्त, क्राइम ब्रांच की टीम लाइन हाजिर यह भी पढ़ेंः इस बार यूपी बोर्ड में सख्ती से घबरा रहे नकलची, मंडल में बड़ी संख्या में छोड़ी परीक्षा तीन महीने रहे वेदव्यासपुरी में मेरठ बाईपास स्थित कालोनी वेदव्यासपुरी में बदमाश तीन महीने से कमरा किराए पर लेकर रह रहे थे, लेकिन मेरठ पुलिस और टीपी नगर थाना पुलिस का इसकी भनक तक नहीं लगी। जबकि टीपी नगर थाना पुलिस की चार फैंटम वेदव्यासपुरी में ही घूमती रहती है। बदमाश वेदव्यासपुरी के जिस मकान में रह रहे थे उसमें हरजीत भी उनके साथ गया। बकौल हरजीत उन दोनों को देखकर कहीं भी ऐसा नहीं लगता था कि वे पंजाब के शातिर बदमाश थे।