र्इपीएफआे देगा प्राइवेट सेक्टर में लगातार दस साल काम करने वालों को पेंशन, सितंबर 2014 से पहले के लिए यह विकल्प ये ट्रेने आती हैं फ्लेक्सी फेयर के तहत रेलवे द्वारा किए गए प्रयोग से निष्कर्ष निकल कर आया कि भीड़ के पीक आवर्स में भी 30 प्रतिशत से कम सीटें ही ट्रेन में भर पाई, जिससे इन ट्रेनों में रेलवे को जबरदस्त नुकसान हुआ। इस नुकसान की भरपाई के लिए रेलवे ने अब इसकी जगह पर हमसफर ट्रेनों में लगने वाला फार्मूला लागू करने का फैसला किया है। Flexi Fair के तहत आने वाली ट्रेनों में राजधानी, शताब्दी और दुरंतो हैं।
ये है फ्लेक्सी फेयर स्कीम रेलवे की फ्लेक्सी फेयर स्कीम के तहत ट्रेनों में रिजर्वेशन के दौरान 50 प्रतिशत सीट वास्तविक मूल्य से 15 प्रतिशत से अधिक पर बेची जाती हैं। इसके बाद 10 फीसदी टिकटें बिकने पर किराए में 10 फीसदी की बढ़ोतरी की जाती है।
जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए दूर हुई ये बड़ी बाधा, 400 किसान जमीन देने के लिए हुए राजी कैग की रिपोर्ट में आई चैकाने वाली जानकारी IRCTC के अधिकारी एके जैन ने बताया कि कैग की रिपोर्ट में रेलवे की फ्लेक्सी फेयर स्कीम को लेकर हैरान करने वाली बातें सामने आई हैं। उन्होंने बताया कि कैग ने भारतीय रेलवे को इसकी वजह से फटकार भी लगाई है। कैग ने कहा है कि फ्लेक्सी फेयर लागू होने के बाद इन ट्रेनों में बड़ी संख्या में सीटें खाली रह गई हैं। इसकी वजह से विभाग को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। वहीं अगर पहले के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो 3-एसी से रेलवे पहले ही फायदा कमा रहा था। इसलिए फ्लेक्सी किराया लागू करने का कोई मतलब नहीं था। कैग द्वारा रेलवे की जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार Premium Train Flexi Fair Scheme लागू होने से सितंबर, 2016 से जुलाई, 2017 तक इन ट्रेनों में यात्रियों की संख्या घटी है। इसी कारण से अब रेलवे अपनी इस नई स्कीम को बंद करने की सोच रहा है, जिससे रेल में सफर करने वाले यात्रियों को लाभ होगा।